निम्नलिखित में से किसी एक पर विचार बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए 100 से 150 शबदों के बिच निबंध लिखें। (05) क. मेरे प्रिय कवि ( भूमिका , वचपन , व्यक्तित्व , रचनाएँ, उपसंगहार) ख. पर्यावरण और सुरक्षा ( भूमिका , पर्यावरण और प्रदूषण , उपसंहार) पानि के घर में समय बिताने के लिए आ जाए please help me
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मेरा प्रिय कवि : तुलसीदास
हिन्दी साहित्याकोश में जगमगाते हुए अनेक नक्षत्रों में से गोस्वामी तुलसीदास की चमक सबसे निराली है। भक्तिकाल के इस महाकवि ने अपनी कालजयी कृतियों से जो अमर ख्याति प्राप्त की है, वह बहुत कम कवि ही प्राप्त कर पाते हैं। वे मेरे प्रिय कवि हैं, क्योंकि उन्होंने अपने काव्य के माध्यम से जो उपदेश दिए वे लोकमंगल का विधान करने वाले हैं।
जीवन परिचय
गोस्वामी तुलसीदास का जन्म संवत् 1589 वि. (सन् 1532 ई.) में राजापूर में हुआ, यद्यपि कुछ अन्य विद्वान इनका जन्म संवत् 1554 तथा जन्मस्थान सोरों भी बताते हैं। जनश्रुति के अनसार इनके पिता का नाम आत्माराम और माता का नाम हुलसी था। 'रत्नावली' से इनका विवाह हुआ था।
कहते हैं कि ये अपनी पत्नी से इतना प्रेम करते थे कि एक बार जब वह भाई के साथ मायके चली गई तो उसी दिन उसे लेने ससुराल पहुँच गए। इस पर रलावली ने उन्हें धिक्कारते हुए कहा– 'लाज न आयी आपको दौरे आयहु नाथ'। उसने यह भी कहा कि यदि इतना प्रेम राम से होता तो आपका उद्धार हो जाता। रत्नावली की यह बात उन्हें लग गयी और वे राम के अनन्य भक्त बनकर काव्य रचना में प्रवृत्त हो गए। तुलसीदास की मृत्यु संवत् 1680 वि. में हई थी।
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रचनाएँ
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित जो प्रामाणिक रचनाएं बतायी जाती हैं उनकी संख्या बारह है। इन रचनाओं के नाम हैं- रामचरितमानस, विनयपत्रिका, कवितावली, गीतावली, दोहावली, कृष्ण गीतावली, वरवै रामायण, वैराग्य संदीपनी, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, रामाज्ञा प्रश्न और रामलला नहछु। इनमें से पांच रचनाए अत्यन्त महत्वपूर्ण है और कवि की कीर्ति का अक्षय आधार हैं।
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