Hindi, asked by surendrashrivas5149, 8 months ago

निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश की व्याख्या संदर्भ, प्रसंग सहित लिखिए - अंक 04
अंक 04
लिखन बैठि जाकी सबी, गहि-गहि गरब गरूर।
भए न केते जगत के, चतुर चितेरे कूर।।
अथवा
वर दंतकी पंगति कुंदकली अधराधर-पल्लद खोलन की।
चपला चमक घन बीच जगै छवि मोतिन पाल अमोलन की।।
निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश की व्याख्या संदर्भ, प्रसंग सहित लिखिए
इतिहास साक्षी है, बहुत बार अकेले चर्न ने ही भाड़ फोड़ा है; और ऐसा फोड़ा है कि भाड़ में खिल-खिल
ही नहीं हो गया, उसका निशान तक ऐसा छूमन्तर हुआ कि कोई यह भी न जान पाया कि वह बेचारा
आखिर था कहाँ?
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प्र019
अथवा
अंक 05
प्र0 20
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गोदोहन से लेकर रातस्य-यज्ञ में पुरोहितों के चरण धोने तक तथा सुदामा की मैत्री से लेकर युद्ध भूमि में
गीता के उपदेश तक उनकी ऊँचाई का एक पैमाना है, जिस पर सूर्य की किरणों की रंग-बिरंगी पेटी की
तरह हमें आत्मिक विकास के हर एक स्वरूप दर्शन होता हैं।
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए
मनुष्य का जीवन बहुत संघर्षमय होता है। उसे पग-पग पर कठिनाईरों का सामना करना पड़ता
फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस पृथ्वी पर हुई मानो धरती का रूप ही
बदल गया है। यह संसार कर्म करते रहने वाले मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है। देवता भी उनसे
ईर्ष्या करते हैं। मनुष्य अपने कर्मबल के कारण श्रेष्ट है। धन्य है मनुष्य का जीवन ।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
प्रश्न-​

Answers

Answered by dineshsaba1978
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Answer:

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