निम्नलिखित में से किसी एक सूक्ति की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्याकीजिए।क-पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम् ।ख-सर्व परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम् ।ग–समत्वं योग उच्यते ।
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क-पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्
प्रसंग-> प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी संस्कृत की पाठ्य पुस्तक ............. के अंतर्गत पाठ ........... से ली गई हैं| इसमें कवि ने कहा है की पृथ्वी पर तीन ही रत्न हैं|
व्याख्या-> इस धरती पर वास्तव में तीन ही रत्न हैं जल, अन्न और अच्छे वचन| लेकिन मूर्खों के द्वारा पत्थर के टुकड़ों में रत्नों के नाम दिए जाते हैं| असली रत्न तीन ही हैं जिनका हमारी जिन्दगी विशेष स्थान है इनके विना हमारा जीवन नहीं चल सकता है|
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