Computer Science, asked by thakurujjwal83, 1 day ago

निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लेखन कीजिए। (4) क) परिश्रम से सब कुछ संभव है। ख) यदि मैं अध्यापक बन जाऊँ परिश्रम की आवश्यकता परिश्रम के लाभ परिश्रमी हमारा आदर्श ● गुरु का स्थान अध्यापक के कर्तव्य • सही मार्गदर्शन .​

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Answered by ankitabareth200787
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Answer:

सफलता चाहने वाले मनुष्य का प्रथम कर्त्तव्य यह देखना है कि उसकी रुचि किन कार्यों की ओर अधिक है। यह बात गलत है कि हर कोई मनुष्य हर एक काम कर सकता है। लॉर्ड वेस्टरफील्ड स्वाभाविक प्रवृत्तियों के काम को अनावश्यक समझते थे और केवल परिश्रम को ही सफलता का आधार मानते थे। इसी सिद्धान्त के अनुसार उन्होंने अपने बेटे स्टेनहाप को, जो सुस्त, ढीलाढाला, असावधान था, सत्पुरुष बनाने का प्रयास किया। वर्षों परिश्रम करने के बाद भी लड़का ज्यों का त्यों रहा और जीवन-भर योग्य न बन सका। स्वाभाविक प्रवृत्तियों को जानना कठिन भी नहीं है, बचपन के कामों को देखकर बताया जा सकता है कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा। प्रायः यह संभावना प्रबल होती है कि छोटी आयु में कविता करने वाला कवि सेना बनाकर चलने वाला सेनापति, भुटटे चुराने वाला चोर-डाकू, पुरजे कसने वाला मैकेनिक और विज्ञान में रूचि रखने वाला वैज्ञानिक बनेगा।

जब यह विदित हो जाए कि लड़के की रुचि किस काम की ओर है तब यह करना चाहिए कि उसे उसी विषय में ऊँची शिक्षा दिलाई जाए। ऊँची शिक्षा प्राप्त करके मनुष्य अपने काम-धन्धे में कम परिश्रम से अधिक सफल हो सकता है, जिनके काम-धन्धे का पूर्ण प्रतिबिम्ब बचपन में नहीं दिखता, वे अपवाद ही हैं।

Answered by rathoreanushka34
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एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक एक ऐसा महत्वपूर्ण इंसान होता है जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देख-भाल से उसके पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है। यहाँ दिये गये प्रत्येक निबंध एक विद्यार्थी के जीवन में एक शिक्षक के महत्व को रेखांकित करता है साथ ही उसकी भूमिका को भी स्पष्ट करेगा। ये निबंध बेहद सरल और अलग-अलग शब्द सीमाओं में दिये गये हैं जिसका उपयोग विद्यार्थी अपनी आवश्यकतानुसार कर सकते हैं।

इस दुनिया में शिक्षक के पेशे को सबसे अच्छे और आदर्श पेशे के रुप में माना जाता है क्योंकि शिक्षक किसी के जीवन को बनाने में निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा देते हैं। उनके समर्पित कार्य की तुलना किसी अन्य कार्य से नहीं की जा सकती। शिक्षक वो होते हैं, जो अपने सभी विद्यार्थियों का ध्यान रखते हैं। वो उनके खाने की आदत, स्वच्छता का स्तर, दूसरों से व्यवहार और पढ़ाई की ओर एकाग्रता की जाँच करते हैं।

बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिये वो हर हफ्ते अपने बच्चों के नाखूनों को कटवाते हैं जिससे स्वच्छता और साफ-सफाई की आदत को उनके अंदर बनाये रखा जा सके। शिक्षक स्कूलों में हर चौथे महीने में स्वास्थ्य कैंप का आयोजन करते हैं जिससे विद्यार्थियों का वजन, कद, बौद्धिक स्तर, रक्तचाप, हृदय गति, फेफड़ों की क्षमता, खून की जाँच, पेशाब की जाँच, छोटी माता प्रतिरक्षण, एमएमआर के लिये प्रतिरक्षा, चेचक, डीपीटी बूस्टर खुराक, पोलियो ड्रॉप आदि की नियमित जाँच हो सके और उनका स्वास्थ्य रिकार्ड रखा जाये।

शिक्षक कभी बुरे नहीं होते, ये केवल उनके पढ़ाने का तरीका होता है जो एक-दूसरे से अलग होता है और विद्यार्थियों के दिमाग में उनकी अलग छवि बनाता है। शिक्षक केवल अपने विद्यार्थियों को खुश और सफल देखना चाहते हैं। एक अच्छा शिक्षक कभी अपना धैर्य नहीं खोता और हर विद्यार्थी के अनुसार पढ़ाता है।

हमारे शिक्षक हमें साफ कपड़े पहनने के लिये, स्वस्थ भोजन खाने के लिये, गलत भोजन से दूर रहने को, अपने माता पिता का ध्यान देने के लिये, दूसरों से अच्छा व्यवहार करने के लिये, पूरे यूनिफार्म में स्कूल आने के लिये, जीवन में कभी झूठ नहीं बोलने के लिये, सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिये, अपने स्कूल, कॉपी, किताबों, दूसरी चीजों का ध्यान देने के लिये, पढ़ाई में एकाग्रता के लिये ईशवर से प्रार्थना करने के लिये, किसी भी दुविधा को लेकर अपने विषय शिक्षक से चर्चा करने के लिये आदि बहुत सी अच्छी बातों के लिये प्रेरित करते हैं।

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