निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग १५० शब्दों में एक अनुच्छेद लिखें। क) भ्रष्टाचार ख) नोटबंदी ग) किसान-आंदोलन घ) बेरोजगारी
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का) भ्रष्टाचार अर्थात भ्रष्ट+आचार। भ्रष्ट यानी बुरा या बिगड़ा हुआ तथा आचार का मतलब है आचरण। अर्थात भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो।
जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के मान्य नियमों के विरूद्ध जाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए गलत आचरण करने लगता है तो वह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है। आज भारत जैसे सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश में भ्रष्टाचार अपनी जड़े फैला रहा है। आज भारत में ऐसे कई व्यक्ति मौजूद हैं जो भ्रष्टाचारी है। आज पूरी दुनिया में भारत भ्रष्टाचार के मामले में 94वें स्थान पर है। भ्रष्टाचार के कई रंग-रूप है जैसे रिश्वत, काला-बाजारी, जान-बूझकर दाम बढ़ाना, पैसा लेकर काम करना, सस्ता सामान लाकर महंगा बेचना आदि। भ्रष्टाचार के कई कारण है। जानिए...
भ्रष्टाचार में मुख्य घूस यानी रिश्वत, चुनाव में धांधली, ब्लैकमेल करना, टैक्स चोरी, झूठी गवाही, झूठा मुकदमा, परीक्षा में नकल, परीक्षार्थी का गलत मूल्यांकन, हफ्ता वसूली, जबरन चंदा लेना, न्यायाधीशों द्वारा पक्षपातपूर्ण निर्णय, पैसे लेकर वोट देना, वोट के लिए पैसा और शराब आदि बांटना, पैसे लेकर रिपोर्ट छापना, अपने कार्यों को करवाने के लिए नकद राशि देना यह सब भ्रष्टाचार ही है।
ख) नोटबंदी में जब पुराने नोटों और सिक्कों को बंद करके नए नोट और सिक्के चलाये जाते हैं उसे नोटबंदी कहते हैं। नोटबंदी एक प्रक्रिया होती है जिसमें मुद्रा का कानूनी दर्जा निकाल दिया जाता है और यह सिक्कों में भी लागू होता है। पुराने नोटों और सिक्कों को बदल दिया जाता है और उनकी जगह पर नए नोटों और सिक्कों को लागू कर दिया जाता है।
जब नोटबंदी के नए नोट समाज में आ जाते हैं तो पुराने नोटों की कोई कीमत नहीं रहती है। पुराने नोटों को बैंकों और एटीएम से बदलवाया जाता है। नोटों को बदलवाने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। नोटों को बैंक की मदद से बदलवाया जा सकता हैं।
नोटबंदी का कारण : भ्रष्टाचार, कालाधन, नकली नोट, मंहगाई और आतंकवादी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए ही नोटबंदी का उपयोग किया जा सकता है। जो लोग भ्रष्टाचारी होते हैं वो काले धन को कैश में छुपाकर रखते हैं जिससे वो उस पर लगने वाले कर से बच सकें।
इसी धन को आतंकवादी कारणों के लिए प्रयोग किया जाता है। नोटबंदी की वजह से ही भ्रष्ट और आतंकवादी लोगों को पुराने नोटों को इस्तेमाल करने की वजह से ही पकड़ा गया है। कभी-कभी तो नकद लेन-देन को हतोत्साहित करने के लिए भी नोटबंदी का सहारा लिया जाता है।
भारत में नोटबंदी : हमारा भारत पहला देश नहीं है जहाँ पर नोटबंदी हुई है। भारत में पहली बार वर्ष 1946 में 500, 1000, और दस हजार के नोटों की नोटबंदी की गई थी। मोरारजी में भी जनवरी, 1978 में 1000, 5000, और 10000 के नोटों को बंद किया गया था | भारत में 2005 में मनमोहन सिंह की सरकार ने भी 2005 से पहले के 500 के नोटों को बदलवा दिया था।
जब यूरोप यूनियम बना तब उन्होंने यूरो नाम की नई करेंसी चलाई थी तब सारे पुराने नोट बैंकों में जमा करवाए गये थे। यूरोप में हुई इस नोटबंदी ने यूरोप में बवाल मचा दिया था लेकिन शायद भारत में हुआ उतना नहीं। जिम्बाब्वे में भी महंगाई से बचने के लिए 2015 में नोटबंदी का प्रयोग किया गया था। भारत में पहले भी नोटबंदी हुई थी परंतु वह इतनी प्रसिद्ध नहीं हुई थी।
आज हम छोटे सिक्कों जैसे 5, 10, 20, 50, 100 पैसों का प्रयोग नहीं करते हैं उन्हें भी बंद किया गया था। लेकिन 500 और 1000 के नोटों की नोटबंदी की कहानी ही अलग है। इन दो करेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 86% भाग को काबिज किया था यही नोट बाजार में सबसे अधिक चलते थे। इसी वजह से इसका इतना बड़ा बवाल और परिणाम हुआ।
8 नवम्बर, 2016 की नोटबंदी : 8 नवम्बर, 2016 को 8:15 बजे 500 और 1000 के नोटों की नोटबंदी की घोषणा की गई। लोगों को आशा थी कि प्रधानमंत्री जी भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली नोक-झोक की बात करेंगे लेकिन नोटबंदी की घोषणा ने तो सभी को हिला कर रख दिया।
कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री जी का समर्थन किया तो कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री जी का विरोध किया और नोटबंदी को खारिज करने की मांग की लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिन लोगों ने काले धन को छिपा कर रखा हुआ था वो सुनारों के पास जाकर उस धन से सोना खरीदने लगे। नोटबंदी की घोषणा के अगले दिन से ही बैंकों और एटीएम के बाहर लाईने लगनी शुरू हो गयीं।
सरकार ने काला धन निकालने के लिए बहुत प्रयत्न किये जैसे – बैंकों में नोटों को बदलवाने की संख्या में घटा-बढ़ी की गई, नए-नए कानून बनाए गये, नियमों को सख्ती से लागू किया गया। सरकार ने अपने निर्णय को सही साबित करने के लिए 50 दिन का समय माँगा। पुराने नोटों को बदलने के लिए 500 और 2000 के नए नोटों को चलाया गया।
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