निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिटु के आधार पर 80
100 शब्दों में अनुच्छेट लिखिए
ट्रैफिक जाम की समस्या
• ट्रैफिक की समस्या का आधार
लोगों की जल्दबाजी और व्यवस्था की कमी
• सुधार के उपाय
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traffic jam essay in hindi
आज के दौर में शहरों की सबसे बड़ी समस्या के रूप में ट्रैफिक जाम के रूप में उभर रहा हैं. सडकों पर रेगते असीमित वाहनों की कतार के चलते प्रत्येक नगरवासी को ट्रैफिक जाम की समस्या से होकर गुजरना पड़ता हैं. हर कोई आज घर से अपने वाहन के साथ ही निकलता है चाहे वह खरीददारी के लिए हो अथवा स्कूल या ऑफिस तक जाना हो कोई भी पैदल नहीं चलना चाहता हैं. व्यक्तिगत वाहनों की तीव्र गति से हो रही वृद्धि में मोटर साइकिल एवं कारों की संख्या सर्वाधिक हैं. इन्ही वाहनों के कारण व्यापक स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है. तेजी से बढ़ते वाहन ही शहरों व महानगरों में ट्रैफिक जाम के कारण हैं.
ट्रैफिक जाम के कारण ही आज शहरों में लोग समयबद्ध कार्य नहीं कर पाते हैं वे न ही समय पर ऑफिस आदि पर पहुँच पाते हैं. इस कारण उन्हें नियत समय से पूर्व ही घर से निकलना पड़ता हैं. आज प्रत्येक बड़े शहर के जीवन की सबसे बड़ी मुशीबत बन चूका हैं. कई घंटों तक वाहनों की इस भीड़ में फंसे होने के कारण लोग सडकों पर ही अपना अमूल्य समय नष्ट तो करते ही है साथ ही वाहनों के चालू अवस्था में रहने के कारण अथाह मात्रा में वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं इंधन का अपव्यय भी होता है जो परोक्ष रूप से मानव स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होता हैं.
ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करने में समाज एवं सरकार दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है. सरकार नयें शहरों की बनावट इस तरह से करे जिसमें कम से कम यातायात बाधित हो सके. इसके लिए फ्लाई ओवर तथा अन्डर ग्राउंड रेलवे प्रोजेक्ट को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता हैं. पुराने शहरों में भी ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए मेट्रो रेल एक अच्छा माध्यम हो सकता है इसके अतिरिक्त भारी वाहनों को बाईपास से निकाल कर तथा फ्लाई ओवर के निर्माण से इस समस्या से शहरवासियों को निजात दिलवा सकते हैं.
आम लोगों को भी ट्रैफिक जाम के प्रति जागरूक बनने की आवश्यकता हैं. अधिकतर रेलवे ट्रेक के बंद होने या ऑफिस आने और जाने के समय सड़क पर अधिक भीडभाड होती हैं. ऐसे में कई लोगों को जाम के चलते जान तक राह में गवानी पड़ती हैं. हम समय से थोडा पूर्व घर या ऑफिस से निकलकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं. साथ ही न केवल अपना बल्कि अन्य राहगीरों के समय की बचत भी कर सकते हैं.
नित्य आवागमन करने वाले लोगों के लिए ट्रैफिक जाम की रोज रोज की समस्या सिर दर्द बनती जा रही हैं कई बार आग बबूला होकर लोग एक दुसरे पर चिल्लाने, लड़ाई झगड़े करने लगते हैं. इस समस्या के सार्वभौमिक समाधान के लिए सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्या में कटौती करना भी आवश्यक हैं जिससे ट्रैफिक की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता हैं.
ट्रैफिक है बड़ी समस्या
जिस तीव्र गति से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है उसके अनुरूप हमारे शहरी स्ट्रक्चर में विकास नहीं हुआ है जिसके दर्शन हमारी सडकों पर लम्बे जाम के रूप में दीखते हैं. एक मेनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश की शहरी आबादी वर्ष 2030 तक 60 करोड़ के पार पहुँच जाएगी. देश के बड़े शहरों मुंबई दिल्ली जयपुर आदि की दशकीय जनसंख्या 20 से 40 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़ रही हैं. मगर इन शहरों के आधार भूत ढांचों में उतनी तेजी से बदलाव नहीं हो रहे हैं. आज भी प्रत्येक शहर आवास, सड़क, विद्युत् और जल आपूर्ति की मांगों से आगे नहीं बढ़ पाए हैं. वहीँ ट्रैफिक जाम की समस्या तो भले ही बड़ी हो मगर न तो सरकारे इन्हें गम्भीरता से लेती हैं न आमजन.
ट्रैफिक जाम की समस्या के दो मूल कारण हालिया सर्वेक्षण से सामने आए हैं. पहला यातायात की खराब व्यवस्था जिनमें सरकारी परिवहन की कमी तथा खराब ट्रैफिक सिस्टम जिम्मेदार हैं वही 17 प्रतिशत लोग शहरों के खराब वायु प्रदूषण को जाम का कारण मानते हैं. कोहरे के समय दिल्ली जैसे शहरों में यह बड़ा कारण हैं.
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