निम्नलिखित में से किसी एक विषय वस्तु पर लगभग 150 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए:- अक्ल बड़ी या भैंस, गांव लौटते मज़दूर, मैंने हारना नहीं सीखा।
Answers
Answer:
पंचतंत्र की एक कहानी में इस कथन की पुष्टि होती है कि अक्ल बड़ी कि भैंस ? जब हम पढ़ते हैं कि एक छोटे-से खरगोश ने शक्तिशाली शेर को एक कुएं के पास ले जाकर उससे कुएं में छलांग लगवा कर मार डाला। अपनी अक्ल के जोर पर ही उस नन्हें खरगोश ने उस खंखार शेर से अपनी ही। ... भैंस नहीं अक्ल ही बड़ी है।
मैंने हारना नहीं सीखा
मैंने हारना नहीं सीखा पंक्ति पढ़ने से हमें हिम्मत बढ़ती है| इस पंक्ति का अर्थ है कि हमें जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए| हमें जीवन में आई हर मुसीबत के सामने कभी भी हार नहीं माननी चाहिए|
जीवन में हमेशा इसी सिख के साथ आगे चलना चाहिए कि मैंने हारना नहीं सिखा| जीवन में हार से हमें बहुत कुछ सीखना चाहिए| जीवन में हार हमें हमारी गलतियों को बताती है और हम उन गलतियों को सुधार के जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है| हम सब को जीवन में हिम्मत और साहस के साथ आगे बढ़ना चाहिए|
उदाहरण के लिए हम बात करें : पी. जे. अब्दुल कलाम कहते थे , मैंने हारना नहीं सिखा उन्हके जीवन में बहुत सारी असफलताएँ लेकिन उन्होंने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी| उन्होंने जीवन में बहुत प्रयास किए | हर क्षेत्र में प्रयास लेकिन अंत में उन्हें सफलता जरुर मिली|