Hindi, asked by sayamusayamuuikey, 6 months ago

निम्नलिखित मे से किसी के एक कव्यांश का संदर्भ। प्रसंग सहित भावार्थ लिखिए ऊँचे कुल का जनमिया जे करनी ऊँच। न होई। सुमरन कलस सुरा भरा, साधु निंदा सोई​

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Answered by sachinkumarsp1212
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Explanation:

कबीर साहेब ने व्यतिगत/गुणों के आधार पर श्रेष्ठता को स्वीकार किया है लेकिन जन्म आधार पर / जाति आधार पर किसी की श्रेष्ठता को नकारते हुए कहा की मात्र ऊँचे कुल में जन्म ले से ही कोई विद्वान् और श्रेष्ठ नहीं बन जाता है, इसके लिए उसमे गुण भी होने चाहिए। यदि गुण हैं तो भले ही वह किसी भी जाती और कुल का क्यों ना हो वह श्रेष्ठ ही है। यदि सोने के बर्तन में शराब भरी हुयी है, तो क्या वह श्रेष्ठ बन जायेगी ? नहीं वह निंदनीय ही रहेगी/ साधू और सज्जन व्यक्ति उसकी निंदा ही करेंगे।

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