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| निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए।
जंगल में एक सिंह --- रोज पशुओं का शिकार --- पशुओं की प्रार्थना --- प्रतिदिन सिंह के पास
निश्चत समय पर एक-एक पशु भेजने का वादा --- सिंह का राजी होना -- खरगोश की बारी -- देर से
पहुँचना -- सिंह का गुस्सा होना -- "रास्ते में दूसरा सिंह मिल गया ता" -- दिखा मुझे कहाँ है वह दूसरा
सेंह? -- सिंह को एक कुएँ पर ले जाना -- अपनी परछाई देखकर सिंह का कुएँ में कूदर पड़ना -- मरना
- सीख।
please answer
Answers
एक जंगल में एक शेर रहता था वह रोज पशुओं का शिकार करता था एक दिन पशुओं ने प्रार्थना की की महाराज आप हम पशुओं का शिकार ना करें हम बारी-बारी से एक जानवर रोज आपके पास आ जाया करेंगे पशुओं के इस फैसले से सिंह राजी हो गया प्रतिदिन एक जानवर उसके पास जाता था एक दिन बारी आई खरगोश की उसने सोचा कि मरना तो है तो थोड़ी देर से ही चलूं रास्ते में चलते चलते खरगोश को एक तरकीब सूची एक कुएं के पास गया और उसके अंदर झांक कर देखा देखा तो उसने पाया कि उसे अपनी ही छाया दिखाई दी यह देखकर खरगोश को एक विचार आया शेर के पास खरगोश बहुत देर तक नहीं पहुंचा दो शेर भूख के मारे तड़प रहा था और बहुत नाराज हो रहा था जैसे ही खरगोश दिखाई दिया शेर ने गुस्से में आकर उससे कहा कि तुम इतनी देर से क्यों आए तुम्हें नहीं पता कि मुझे कितनी भूख लगी है खरगोश ने कहा मुझे माफ कीजिए महाराज मैं तो जल्दी ही आ रहा था पर रास्ते में मुझे एक और सिंह ने रोक लिया वह चाहता था कि मैं उसका भोजन बनूं मैं बड़ी मुश्किल से उससे अपनी जान छुड़ा कर आया हूं शेर को यह बात सुनकर और गुस्सा आया उसने कहा मेरे रहते इस जंगल में एक और शेर कैसे आ सकता है तुम चलो और मुझे बताओ मैं उसे मार डालूंगा खरगोश शेर को उसी कुएं के पास ले गया जैसे शेर ने कुएं में झांका और जोर से दहाड़ा उसे अपना ही प्रतिबिंब दिखाई दिया और अपनी ही प्रतिध्वनि सुनाई दी हड़बड़ाहट में शेर उस दूसरे शेर को मारने के लिए कुएं में कूद गया शेर कुएं में ही रह गया और मर गया इस तरह खरगोश ने अपना दिमाग लगाकर अपनी नहीं बाकी जंगल के सभी जानवरों की जान बचाई उचित शीर्षक है अपनी सूझबूझ
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Explanation:
एक जंगल में एक शेर रहता था वह रोज पशुओं का शिकार करता था एक दिन पशुओं ने प्रार्थना की की महाराज आप हम पशुओं का शिकार ना करें हम बारी-बारी से एक जानवर रोज आपके पास आ जाया करेंगे पशुओं के इस फैसले से सिंह राजी हो गया प्रतिदिन एक जानवर उसके पास जाता था एक दिन बारी आई खरगोश की उसने सोचा कि मरना तो है तो थोड़ी देर से ही चलूं रास्ते में चलते चलते खरगोश को एक तरकीब सूची एक कुएं के पास गया और उसके अंदर झांक कर देखा देखा तो उसने पाया कि उसे अपनी ही छाया दिखाई दी यह देखकर खरगोश को एक विचार आया शेर के पास खरगोश बहुत देर तक नहीं पहुंचा दो शेर भूख के मारे तड़प रहा था और बहुत नाराज हो रहा था जैसे ही खरगोश दिखाई दिया शेर ने गुस्से में आकर उससे कहा कि तुम इतनी देर से क्यों आए तुम्हें नहीं पता कि मुझे कितनी भूख लगी है खरगोश ने कहा मुझे माफ कीजिए महाराज मैं तो जल्दी ही आ रहा था पर रास्ते में मुझे एक और सिंह ने रोक लिया वह चाहता था कि मैं उसका भोजन बनूं मैं बड़ी मुश्किल से उससे अपनी जान छुड़ा कर आया हूं शेर को यह बात सुनकर और गुस्सा आया उसने कहा मेरे रहते इस जंगल में एक और शेर कैसे आ सकता है तुम चलो और मुझे बताओ मैं उसे मार डालूंगा खरगोश शेर को उसी कुएं के पास ले गया जैसे शेर ने कुएं में झांका और जोर से दहाड़ा उसे अपना ही प्रतिबिंब दिखाई दिया और अपनी ही प्रतिध्वनि सुनाई दी हड़बड़ाहट में शेर उस दूसरे शेर को मारने के लिए कुएं में कूद गया शेर कुएं में ही रह गया और मर गया इस तरह खरगोश ने अपना दिमाग लगाकर अपनी नहीं बाकी जंगल के सभी जानवरों की जान बचाई उचित शीर्षक है अपनी सूझबूझ