१. निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ लिखो:
(क) 'लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है
(ख) “कितनी बार गगरियाँ फूटी शिकन न पर आई पनघट प
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(क) 'लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है-
कवि 'नीरज' इन पंक्तियों के माध्यम से कहते हैं कि उपवन अर्थात बाग में कितने भी पतझड़ क्यों न आ जाए लेकिन बाग का अस्तित्व खत्म नहीं होता। ... कवि का आशय है कि हमें अपने जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। यदि हमें कोई असफलता मिली है तो आगे सफलता भी मिलेगी। हर सफलता के पीछे असफलता ही होती है तब ही सफलता मिलती है।
(ख) “कितनी बार गगरियाँ फूटी शिकन न पर आई पनघट पप- कवि का आशय है कि हमें अपने जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। यदि हमें कोई असफलता मिली है तो आगे सफलता भी मिलेगी। हर सफलता के पीछे असफलता ही होती है तब ही सफलता मिलती है।
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- हर वर्ष पतझड़ आता है उपवन के पुष्प - पत्ते झड जाते है परंतु जैसे ही वसंत का अगमन होता है, सभी वृक्ष नए, कोमल पत्तों से लद जाते है। पतझड़ की लाख कोशिशो के बाद उपवन हरा ही रहता है।
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