निम्नलिखित पंक्तियों के भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
(iii) बिना डुलाए ना मिलै, ज्यों पंखा की पौन।।
Answers
Answered by
1
Answer:
बिना डुलाए ना मिले ज्यों पंखा की पौन॥ भावार्थ: वृंद कवि कहते हैं कि विद्या और धन बिना मेहनत के कोई भी प्राप्त नहीं कर सकता है। अर्थात् विद्या और धन परिश्रम से ही प्राप्त किया जाता है। बिना परिश्रम किए कोई प्राप्त नहीं कर पाता है, जिस प्रकार पंखा को हिलाए अर्थात् डुलाए बिना उससे हवा का सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
mark as Brainlist
Similar questions