Hindi, asked by gkhilar1986, 3 months ago

निम्नलिखित पंक्तियों के भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
(iii) बिना डुलाए ना मिलै, ज्यों पंखा की पौन।।​

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Answered by siwanikumari42
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Answer:

बिना डुलाए ना मिले ज्यों पंखा की पौन॥ भावार्थ: वृंद कवि कहते हैं कि विद्या और धन बिना मेहनत के कोई भी प्राप्त नहीं कर सकता है। अर्थात् विद्या और धन परिश्रम से ही प्राप्त किया जाता है। बिना परिश्रम किए कोई प्राप्त नहीं कर पाता है, जिस प्रकार पंखा को हिलाए अर्थात् डुलाए बिना उससे हवा का सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

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