निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) पूछत दीन दयाल को धाम, बतावत अपनो नाम सुदामा ।
(ख) पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सौं पग धोये।
Answers
Explanation:
poochha to Dindayal Koodam Bata Bata Apna Naam Sudama iska Arth yah hai ki Jab Sudama ji Shri Krishna ke Mahal ki aur Jaate Hain To vah dwarpalon Se Puchte Hain Shri Krishna ka Dham kahan hai aur Apna Naam Sudama batate Hain
Jab Sudama ji Shri Krishna ke Mahal ki aur andar Jaati Hai To Sirf Shri Krishna unke Pairon ko Bharat mein Rakhe Pani Se Nahin Hoti balki Apne Naino Ke Jal se unke Pairon ko Dhote Hain
Answer:
(क) भावः कवि नरोत्तम दास वर्णन करते हुए कह रहे हैं कि द्वारपाल श्री कृष्ण के पास जा रहा है और विनती कर रहा है कि द्वार पर एक कमजोर ब्राह्मण खड़ा है। वह दयालु भगवान कृष्ण यानि आपका निवास स्थान पूछ रहे हैं और अपना नाम सुदामा बता रहे हैं।
(ख) भाव: कवि वर्णन करता है कि श्री कृष्ण विनम्र मित्र सुदामा को देखकर इतने भावुक हो गए कि उन्होंने परात में लाए गए जल को अपने हाथों से छुआ तक नहीं और मित्र सुदामा के चरण अपने आंसुओं से धोए।
Explanation:
सुदामा अपनी पत्नी के अनुरोध पर श्रीकृष्ण से मिलने द्वारका पहुंचे। द्वारपाल ने उन्हें रोका और श्रीकृष्ण के पास जाकर विनती की कि हे प्रभु! द्वार पर एक ब्राह्मण खड़ा है, जिसके सिर पर न तो पगड़ी है और न ही शरीर पर कुर्ता। पता नहीं वह कहाँ से आया है। और वह किस गांव में रहता है? इन शब्दों में द्वारपाल ने श्रीकृष्ण को सुदामा की दुर्दशा का वर्णन किया है। इस पाठ से संदेश दिया गया है कि जब गरीबी और विपत्ति आए तो सच्चे मित्र के पास जाना चाहिए। एक सच्चे मित्र को भी किसी गरीब मित्र की पूरी मदद करनी चाहिए। यदि मित्र धन का धनी हो और बड़ा आदमी हो, तो उसके साथ मित्रता में समान व्यवहार किया जाना चाहिए। दोस्ती तब टूटती है जब बड़े और छोटे में फर्क होता है।
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