निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।
अनाथ कौन है यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं,
दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं।
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निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट
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