निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिये।
(क) बसों मेरे नैनन में नंदलाल।
(ख) द्रौपदी की लाज राखी, तुरत बढ़ायो चिर।
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क) मीरा की भजन की ये पंक्ति है, जिसमें मीरा प्रभु श्री कृष्ण से अपने नयनों में बस जाने को कहती है । इसका आशय यह है कि मीरा प्रभु को अपने सामने ही रहने को आग्रह कर रहीं हैं ।
ख) इस पंक्ति में कवि ने उस दृश्य को प्रदर्शित की है, जिसमें द्रौपदी का चिरहरण भरी सभा में दुश्साशन द्वारा की जाती है । जब कोई भी द्रौपदी की सहायता के लिए आगे नहीं आ सका तो प्रभु श्रीकृष्ण खुद ही द्रोपदी के चिर का रुप धारण कर द्रोपदी की लाज बचाते हैं।
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