निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़ कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
(क) छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
(ख) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से
और बच जाते हैं तब तो
और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।
* दिशाओं को मृदंग की तरह बजने का क्या तात्पर्य है ?
* जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती है ?
* खतरनाक परिस्थितिओं का सामना करने के बाद आप दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को कैसा महसूस करते हैं ?
Answers
उत्तर : ❖ बच्चे पतंग उड़ाते हुए छत में एक दिशा से दूसरी दिशा में यहाँ से वहाँ कूदते-फाँगते रहते हैं। इस कारण से उनके पैरों से ध्वनि होने लगती है। कवि ने इस स्थिति को मृदंग के समान बताया है। अर्थात जब बच्चे छत में यहाँ से वहाँ कूदते-फाँगते हैं, तो लगता है मानो वे मृदंग (छत) में हाथ (पैरों) से थाप पर रहे हैं। इस कारण से स्वर फूट रहे हैं, जो कवि को मृदंग बजाने के समान लगता है।
❖ जब पतंग सामने हो, तो हमें छत कठोर नहीं लगती। यह ऐसा समय होता है, जब बस पतंग को उड़ाने का मज़ा आ रहा होता है। तब सारी दुनिया से हमारा संपर्क समाप्त हो जाता है, बस पतंग और हम होते हैं। कोई कष्ट कोई दुख हमें छू नहीं पाता है।
❖ खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद हम दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को निर्भीक और मज़बूत महसूस करते हैं। तब ये चुनौतियों मामूली-सी प्रतीत होती हैं। खतरनाक परिस्थितियाँ का सामना करने के बाद पता चलता है कि चुनौतियाँ होती क्या हैं। फिर तो अंदर सकारात्मकता और साहस भर जाता है। हम लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं।
निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़ कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
(क) छतों को भी नरम बनाते हुए दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
(ख) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से और बच जाते हैं तब तो और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।
* दिशाओं को मृदंग की तरह बजने का क्या तात्पर्य है ?
➲ इस पंक्ति का आशय यह है कि दिशा की तरह मृदंग बजने का तात्पर्य यह है कि जब बच्चे पतंग उड़ाते हैं तो वह छत पर एक दिशा से दूसरी दिशा में इधर-उधर दौड़ते फिरते हैं। इस कारण तेज-तेज दौड़ने के कारण उनके पैरों से जो ध्वनि उत्पन्न होती है, उस ध्वनि को कवि ने मृदंग के समान बताया है।
कवि कहता है, कि छत पर उधर से दौड़ने और उछलने-कूदने के कारण बच्चों के पैरों से छत पर जो ध्वनि उत्पन्न हो रही है तो ऐसा लग रहा है कि मृदंग रूप छत पर पैरी रूपी हाथ से जो थाप पड़ रही है, तो ऐसा लग रहा है कि कोई मृदंग बज रहा हो।
* जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती है ?
➲ कवि का कहने का तात्पर्य यह है कि जब बच्चे पतंग उड़ाते हैं तो वह पतंग उड़ाने मेंं इतने मगन हो जाते है कि उन्हें छत की कठोरता का भी एहसास नहीं होता। उस समय पर पतंग उड़ाने का आनंद ले रहे होते हैं और सारी दुनिया से बेखबर होकर केवल पतंग उड़ाने में मगन हो जाते हैं। उन्हें छत की कठोरता या दूसरी दुनिया की कोई खबर नहीं होती।
* खतरनाक परिस्थितिओं का सामना करने के बाद आप दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को कैसा महसूस करते हैं ?
➲ कवि कहना चाहता है कि खतरनाक परिस्थितियों का जब हम सामना कर लेते हैं, तब हमें दुनिया की किसी भी चुनौती के सामने कोई डर नहीं लगता है और हम स्वयं को और अधिक मजबूत पाते हैं। तब हमें दुनिया की चुनौतियां सामान्य दिखाई पड़ती हैं, क्योंकि खतरनाक चुनौतियों का सामना करने के बाद हमें चुनौतियों से निपटने की आदत पड़ जाती है और हमारे अंदर सकारात्मकता एवं साहस भर जाता है और हम हर प्रकार की चुनौती को कुबूल करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
#SPJ3
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