Hindi, asked by saifi2910, 4 days ago

निम्नलिखित पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या कीजीए।चड़कर मेरे जीवन पथ पर प्रलय चल रहाअपने पथ​

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Answered by kashyapumang46
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Answer:

व्याख्या : देवसेना कहती है कि मेरे जीवन रूपी रथ पर सवार होकर प्रलय अपने रास्ते पर चला जा रहा है। ... उसका पूरा जीवन ही दुख में है वह करुणा के स्वर में कहती है कि अंतिम समय में हृदय की वेदना अब उससे संभल नहीं पाएगी इसी कारण उसे मन की लाज गवानी पड़ रही है।

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