Hindi, asked by vishvashp44, 3 months ago

निम्नलिखित पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों
में लिखिए।
तारे निपट मलीन चंद ने पांडुवर्ण है पाया,
मानो किसी राज्य पर है, राष्ट्रीय कष्ट कुछ आया।​

Answers

Answered by harshaljore
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Answer:

बीत गया हेमन्त भ्रात! शिशिर ऋतु आई

प्रकृति हुई द्युति हीन अवनि में कुंझटिका है छाई

पड़ता खूब तुषार पद्मदल तालों में बिलखाते

अन्यायी नृप के दण्डों से यथा लोग दुःख पाते

निशा काल में लोग घरों में निज निज जा सोते हैं

बाहर श्वान स्यार चिल्लाकर बार बार रोते हैं

अर्धरात्रि को घर से कोई जो आंगन को आता

शून्य गगन मण्डल को लख यह मन में है भय पाता।

तारे निपट मलीन-चन्द्र ने पाण्डुवर्ण है पाया

मानों किसी राज्य पर है राष्ट्रीय कष्ट कुछ आया

धनियों को है मौज रात दिन हैं उनके पौ बारे

दीन दरिद्रों के मत्थे ही पड़े शिशिर दुःख सारे

वे खाते हैं हलुवा पूड़ी दूध मलाई ताजी

इन्हें नहीं मिलती पर सूखी रोटी और न भाजी

वे सुख से रंगीन कीमती ओढ़े शाल दुशाले

पर इनके कम्पित बदनों पर गिरते हैं निज पाले

वे हैं सुख साधन से पूरित सुधर घरों के वासी

इनके टूटे-फूटे घर में छाई सदा उदासी

बिस्तर बिछा गरम कोठे में वे निर्भय हैं सोते

ये जमीन पर पड़े हवा में व्याकुल हैं अति होते।

हमको भाई का करना उपकार नहीं क्या होगा

भाई पर भाई का कुछ अधिकार नहीं क्या होगा

पहले हमें उदर की चिन्ता थी न कदापि सताती

माता सम थी प्रकृति हमारी पालन करती जाती

इसी हेतु हम मृदु-शरीर के हुए प्रकृति के सारे

कठिन परिश्रम से कदापि कुछ काम न पड़े हमारे

दिन था वह भी एक दिन है ऐसा भी आया

जहाँ कभी थी धूप आज है हाय! वहाँ ही माया

जहाँ सुलभ थे हमें अन्न-फल-मूल सदा सुखाई

वहाँ आज हमको जीवन-निर्वाह कठिन है भाई

भारत का यह कृषक खेत में कठिन काम करता है

किन्तु, वर्ष में कई महीने भूखों ही रहता है।

श्रेणी:

कविता

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