निम्नलिखित पंक्तियों में आए अलंकारों के नाम लिखिए-
iनभ मंडल छाया मरुस्थल-सा बाँध के अंधड आवै चला।
हो भ्रष्ट शील के-से शतदल।
. भोर का नभ राख से लीपा हुआ चौका, बहुत काली सिल,
जरा-से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो।
घर में हृदय, गाँव में, तरु में, तथैव तड़ाग में।
v. कालिंदी-कूल-कदंब की डार।
i. तुमने अनजाने वह पीड़ा छवि के सर से दूर भगा दी।
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iनभ मंडल छाया मरुस्थल-सा बाँध के अंधड आवै चला।
हो भ्रष्ट शील के-से शतदल।
इस मै उपमा अलंकार है
भोर का नभ राख से लीपा हुआ चौका, बहुत काली सिल,
जरा-से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो।
इस मै भी उप्मा अलंकार है
घर में हृदय, गाँव में, तरु में, तथैव तड़ाग में।
इस मै उत्प्रेक्षा अलंकार है
कालिंदी-कूल-कदंब की डार।
इस मै अनुप्रास अलंकार है
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