Hindi, asked by supiryabhoir, 1 year ago

निम्नलिखित पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार स्पष्ट कीजिए-
(क) उस वक्त मारे क्रोध के तनु काँपने लगा।
मानो हवा के शोर से सोता हुआ सागर जगा।।​

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Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार स्पष्ट कीजिए-

(क) उस वक्त मारे क्रोध के तनु काँपने लगा।

मानो हवा के शोर से सोता हुआ सागर जगा।।

इस उदाहरण में अर्जुन के क्रोध से कांपते हुए शरीरकी कल्पना हवा के जोर से जागते सागर से कि गई है। दिए गए उदाहरण में मानो शब्द का प्रयोग किया गया है अतः यह उत्प्रेक्षा अलंकार के अंतर्गत आएगा।

उत्प्रेक्षा अलंकार

उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा के अनुसार जब समानता का भाव होने के कारण उपमेय में ही उपमान के होने की कल्पना कर ली जाए या संभावना व्यक्त की जाए, तब वहां पर उत्प्रेक्षा अलंकार की प्रतीति होती है। उत्प्रेक्षा अलंकार में अक्सर जैसे, जो, ज्यों, मानो आदि शब्दों का प्रयोग होता है।

ऊपर दी गई पंक्तियों में कवि ने मन और अनंत सुख के संबंध को उपमेय बनाकर इसकी समानता की कल्पना जहाज पर वापस आने  वाले पक्षी के उपमान रूप में की है। इसके लिए यहां पर उत्प्रेक्षा अलंकार है।

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मेरो मन अनत कहां सुख पावै। जैसे उड़ि जहाज कौ पंछी पुनि जहाज पै आवै॥ ma konsa anlkar ka prayogya hua hai

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Answered by snigdhakhanna
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Answer:

उत्प्रेक्षा अलङ्कार - मनो हावा के शोर से सोत हुआ सागर जगा।

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