निम्नलिखित प्रश्नों के 30 शब्दों में उत्तर दीजिए :
(i) थिमैटिक मानचित्र क्या हैं?
(ii) आंकड़े के प्रस्तुतीकरण से आपका क्या तात्पर्य है?
(iii) बहुदंड आरेख और यौगिक दंड आरेख में अंतर बताइए।
(iv) एक बिंदुकित मानचित्र की रचना के लिए क्या आवश्यकताएँ हैं?
(v) सममान रेखा मानचित्र क्या है? एक क्षेपक को किस प्रकार कार्यान्वित किया जाता है?
(vi) एक वर्णमात्री मानचित्र को तैयार करने के लिए अनुसरण करने वाले महत्वपूर्ण चरणों की सचित्र व्याख्या कीजिए।
(vil) आंकड़े को वृत्त आरेख की सहायता से प्रदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण चरणों की विवेचना कीजिए।
Answers
(i) थिमैटिक मानचित्र :
थिमैटिक मानचित्र मानचित्रों की विविधता है। प्रादेशिक वितरणों के प्रतिरूप अथवा स्थानों पर विविधताओं को समझने के लिए विविध मानचित्रों को बनाया जाता है। यह मानचित्र अलग-अलग विशेषताओं को पेश करने वाले आंकड़ों में आंतरिक विविधताओं के मध्य की तुलना दिखाने के लिए भी उपयोगी प्रयोजन प्रदान करते हैं।
(ii) आंकड़े के प्रस्तुतीकरण से तात्पर्य :
आंकड़े उन तथ्यों की विशेषताओं को हमारे सामने लाते हैं जो प्रदर्शित किए जाते हैं। आंकड़ों के प्रस्तुतीकरण की आलेखी विधि हमारी समझ के क्षेत्र को बढ़ाती है अथवा तुलनाओं को आसान बना देती है। इसके अतिरिक्त इस प्रकार की विधियां एक लंबे समय के लिए मस्तिष्क पर अपनी छाप छोड़ देती हैं।
(iii) बहुदंड आरेख और यौगिक दंड आरेख में अंतर :
दंड आरेख :
आंकड़े दिखाने के लिए सबसे सरल विधि है । इसमें आंकड़ों को समान चौड़ाई वाले दंडी या स्तंभों द्वारा दिखाया जाता है। इन दंडों की लंबाई वस्तुओं की मात्रा के अनुपात के अनुसार छोटी बड़ी होती है।
बहुदंड आरेख :
यदि एक दंड को अनेक भागों में बांटकर उसके द्वारा कई वस्तुओं को एक साथ दिखाया जाए तो बहुदंड आरेख का निर्माण होता है। इस विधि के द्वारा आंकड़ों के कुल योग तथा उसके विभिन्न भागों को दिखाया जाता है।
(iv) एक बिंदुकित मानचित्र की रचना के लिए निम्न आवश्यकताएँ हैं :
(1) जिस वस्तु का वितरण प्रकट करना हो उसके सही-सही आंकड़े उपलब्ध होने चाहिए। ये आंकड़े प्रशासकीय इकाइयों के आधार पर होने चाहिए।
(2) उस प्रदेश का एक सीमा चित्र हो जिसमें जिले या राज्य आदि शासकीय भाग दिखाएं हो।
(3) उस प्रदेश का धरातलीय मानचित्र जिसमें दलदल इत्यादि धरातल की आकृतियां दिखाई गई हो।
(4) उस प्रदेश का जलवायु मानचित्र हो जिसमें वर्षा तथा तापमान का ज्ञान हो सके।
(5) विभिन्न कृषि पदार्थ की उपज वाले मानचित्रों में भूमि के मानचित्र जरूरी है।
(v) सममान रेखा मानचित्र :
सममान रेखाएं वे रेखाएं हैं जिनका मूल्य, तीव्रता तथा घनत्व समान हो। ये रेखाएं उन स्थानों को आपस में जोड़ती है जिनका मान समान हो।
क्षेपक की कार्यान्वित करने का तरीका :
(1) सबसे पहले मानचित्र पर दिए गए न्यूनतम तथा अधिकतम मान को निश्चित करना चाहिए।
(2) उसके बाद परास की गणना की जानी चाहिए।
(3) उसके बाद श्रेणी के आधार पर , एक पूर्ण संख्या जैसे 5,10,15 इत्यादि में अंतराल निश्चित करनी चाहिए।
(4) सममान रेखा के चित्रण के बिल्कुल सही बिंदु को निम्नलिखित सूत्र द्वारा निश्चित किया जाता है -
सममान रेखा का बिंदु = (दो बिंदुओं के बीच की दूरी/ लिए गए बिंदुओं के दो मानव के बीच अंतर) × अंतराल
(vi) एक वर्णमात्री मानचित्र को तैयार करने के लिए अनुसरण करने वाले महत्वपूर्ण चरणों की सचित्र इस प्रकार है :
() आंकड़ों को चढ़ते और उतरते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाता है।
(2) अति उच्च , उच्च , मध्यम, निम्न तथा अति निम्न केंद्रीकरण को दर्शाने के लिए आंकड़े के पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
(3) श्रेणियों के मध्य अंतराल की परास = अधिकतम मान - न्यूनतम मान , द्वारा पहचाना जा सकता है।
(4) प्रतिरुपी, छापाओं और रंगों का उपयोग चुनी हुई श्रेणियों को चढ़ते और उतरते क्रम में दर्शाने के लिए किया जाता है।
(vil) आंकड़े को वृत्त आरेख की सहायता से प्रदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण चरणों की विवेचना इस प्रकार है -
(1) आंकड़ों को चढ़ते क्रम में व्यवस्थित करो।
(2) मानों को दिखाने के लिए कोणों के अंशों की गणना करो। खींचे जाने वाले वृत्त के लिए एक उपयुक्त त्रिज्या को चुनना चाहिए।
(3) वृत्त के बीच से चाप एक त्रिज्या की तरह रेखा खींचनी चाहिए।
(4) वृत्त को विभागों की आवश्यक संख्या में विभाजन द्वारा आंकड़े को प्रदर्शित करते हैं।
(5) एक रेखा खींचो केंद्र से लेकर वृत्त तक।
(6) इसके बाद वृत्त के कोण को मापा जाए और हर एक वर्ग के आंकड़ों को चढ़ते क्रम में लिखा जाए।
आंकड़ों की प्रत्येक श्रेणी के लिए चढ़ते हुए क्रम में, दक्षिणावर्त, छोटे कोण से शुरू करके वृत्त के चाप से कोणों को नापते हैं।
उसके बाद शीर्षक, उपशीर्षक और सूचिका द्वारा आरेख को पूर्ण किया जाता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:
(i) जनसंख्या वितरण दर्शाया जाता है :
(क) वर्णमात्री मानचित्रों द्वारा (ख) सममान रेखा मानचित्रों द्वारा (ग) बिंदुकित मानचित्रों द्वारा (घ) ऊपर में से कोई भी नहीं
(ii) जनसंख्या की दशकीय वृद्धि को सबसे अच्छा प्रदर्शित करने का तरीका है :
(क) रेखा ग्राफ़ (ख) दंड आरेख (ग) वृत्त आरेख (घ) ऊपर में से कोई भी नहीं
(iii) बहुरेखाचित्र की रचना प्रदर्शित करती है :
(क) केवल एक बार (ख) दो चरों से अधिक (ग) केवल दो चर (घ) ऊपर में से कोई भी नहीं
(iv) कौन-सा मानचित्र "गतिदर्शी मानचित्र" जाना जाता है :
(क) बिंदुकित मानचित्र (ख) सममान रेखा मानचित्र (ग) वर्णमात्री मानचित्र (घ) प्रवाह संचित्र
https://brainly.in/question/15190731#
जैसे- सड़क मानचित्र, वर्षा मानचित्र, वन तथा उद्योगों आदि के वितरण दर्शाने वाले मानचित्र इत्यादि। इस प्रकार के मानचित्र को थिमैटिक मानचित्र कहा जाता है। इन मानचित्रों में दी गई सूचना के आधार पर उनका उचित नामकरण किया जाता है। मानचित्र के तीन घटक हैं : दूरी, दिशा और प्रतीक।