निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर 125 शब्दों में दीजिए :
(i) चित्ररेखाज (रैस्टर) एवं सदिश (वेक्टर) आंकड़ा फॉरमेट को उदाहरण सहित समझाइए।
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(i) चित्ररेखाज (रैस्टर) एवं सदिश (वेक्टर) आंकड़ा फॉरमेट को उदाहरण सहित :
चित्ररेखाज (रैस्टर) एक ग्राफिक विशेषता को वर्गों के ग्रिड के पैटर्न के रूप में दर्शाते हैं, जबकि सदिश (वेक्टर) आंकड़ा वस्तु को विशिष्ट बिंदुओं के बीच खींची गई रेखाओं के एक समूह के रूप में दर्शाते हैं।
कागज के एक टुकड़े पर तिरछे खींची गई रेखा पर विचार करें। एक रेखापुंज फ़ाइल इस छवि का प्रतिनिधित्व करती है कागज को छोटे आयतों में विभाजित करके,जिन्हें सेल कहते हैं। प्रत्येक सेल को आंकड़ा फ़ाइल में एक स्थिति सौंपी जाती है और
उस स्थिति में विशेषता के आधार पर एक मूल्य दिया जाता है। इसकी पंक्ति और स्तंभ निर्देशांक किसी भी व्यक्तिगत पिक्सेल की पहचान कर सकते हैं। यह डेटा प्रतिनिधित्व उपयोगकर्ता को मूल छवि को आसानी से पुनर्निर्माण या कल्पना करने की अनुमति देता है।
सदिश (वेक्टर) आंकड़ा फॉर्मेट :
उसी विकर्ण रेखा का एक सदिश निरूपण उसके आरंभ और अंत बिंदुओं के निर्देशांक रिकॉर्ड करके रेखा की स्थिति को दर्ज करेगा। प्रत्येक बिंदु को दो या तीन संख्याओं के रूप में व्यक्त किया जाएगा (यह निर्भर करते हुए कि क्या प्रतिनिधित्व 2 डी (द्वि - आयामी) या 3 डी (त्रि - आयामी) था, प्राय: X या Y , X,Y,Z निर्देशांक के रूप में संदर्भित किया जाता है)। पहली संख्या X , बिंदु और कागज के बाईं ओर के बीच की दूरी है; Y, बिंदु और कागज के नीचे के बीच की दूरी; Z, कागज के ऊपर या नीचे से बिंदु की ऊँचाई है। मापे गये बिंदुओं में जोड़ने से सदिश (वेक्टर) बनता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Explanation:
चित्र रेखा पुँज आंकड़ा फॉर्मेट – यह वर्गों के जाल के रूप में आंकड़ों का ग्राफी प्रदर्शन है, इसमें स्तंभों व पंक्तियों का जाल होता है जिसे ग्रिड (Grid) कहते हैं। एक स्तंभ व एक पंक्ति के भेदन स्थल को सेल (cell) कहते हैं। प्रत्येक सेल को एक स्थान दिया जाता है तथा उसके आधार पर ही इसका मूल्य निर्धारित किया जाता है। इसकी पंक्तियों व स्तंभों के निर्देशांक किसी भी व्यक्तिगत पिक्सेल (Pixel) की पहचान कर सकते हैं। आंकड़ों का यह प्रदर्शन प्रयोक्ता की प्रतिबिंब के पुनर्गठन अथवा दृश्यांकन में, सहायता करता है। सेलों के आकार तथा उनकी संख्या के बीच संबंध को चित्र रेखा पूँज (रैस्टर) के विभेदन के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है। रैस्टर फार्मेट में आंकड़ों पर जाल या वर्ग के आकार के प्रभाव को स्पष्ट किया जाता है।