निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 125 शब्दों तक में दीजिए।
(i) काली मृदाएँ किन्हें कहते हैं? इनके निर्माण तथा विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
(ii) मृदा संरक्षण क्या होता है? मृदा संरक्षण के कुछ उपाय सुझाइए।
Answers
Answer with Explanation:
(i) काली मृदाएँ :
काली मिट्टी का विस्तार प्रायद्वीप के उत्तर पश्चिमी भाग में लगभग 5 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है। यह गुजरात, महाराष्ट्र के अधिकांश भाग ,मध्य प्रदेश, दक्षिणी उड़ीसा, उत्तरी कर्नाटक ,दक्षिणी आंध्र प्रदेश में मिलती है। यह मिट्टी नर्मदा, ताप्ती ,गोदावरी तथा कृष्णा नदी की घाटियों में पाई जाती है।
विशेषताएँ :
इस मिट्टी का निर्माण लावा प्रवाह से बनी अग्नेय चट्टानों के टूटने फूटने से हुआ है। यह अधिकतर ढक्कन लावा के क्षेत्र में मिलता है। इसलिए इसे लावा मिट्टी भी कहते हैं। इस मिट्टी का रंग काला होता है इसलिए इसे काली मिट्टी भी कहते हैं। इसे रेगड़ मिट्टी भी कहा जाता है। इस मिट्टी में चूना, लोहा, मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है, परंतु फास्फोरस ,पोटाश ,नाइट्रोजन तथा जैविक पदार्थों की कमी होती है। इस मिट्टी में नमी धारण करने की शक्ति अधिक है । इसलिए सिंचाई की आवश्यकता कम होती है । इस मिट्टी की तुलना शर्नीज़म तथा अमेरिका के प्रेयरी मिट्टी से की जाती है।
यह मिटी कपास की कृषि के लिए उपयुक्त है। इसलिए इसे 'कपास की मिट्टी' भी कहते हैं। पठारों की उच्च भूमि में कम उपजाऊ होने के कारण यहां ज्वार ,बाजरा , दालों आदि की कृषि होती है । मैदानी भागों में गेहूं, कपास ,तंबाकू, मूंगफली तथा तिलहन की कृषि की जाती है।
(ii) मृदा संरक्षण :
यदि मृदा अपरदन और मृदाक्षय मानव द्वारा किया जाता है , तो स्पष्टत: मानवों द्वारा ही इसे रोका भी जा सकता है। मृदा संरक्षण एक विधि है जिसमें मिट्टी की उर्वरता बनाए रखी जाती है, मिट्टी के अपरदन और क्षय को रोका जाता है और मिट्टी की अपक्षरित दशाओं को सुधारा जाता है।
मृदा संरक्षण के कुछ उपाय :
वृक्षारोपण :
पर्वती ढलानों पर मिट्टी को संगठित रखने के लिए वृक्ष लगाए जाते हैं । नदियों के ऊपरी भागों में वन क्षेत्रों का विस्तार करके मृदा अपरदन को रोका जा सकता है । इसी प्रकार राजस्थान मरुस्थल की सीमाओं पर पवन लगाकर वायु द्वारा अपरदन रोकने के लिए उपाय किए गए हैं।
नियंत्रित पशु चारण :
दलानों पर चारागाहों में बेरोकटोक पशु चारण को रोकना चाहिए ताकि घास को फिर से उगने बनने का समय मिल सके।
सीढी नुमा कृषि :
पर्वती दालानों पर सम ऊंचाई की रेखा के साथ सीढ़ीदार खेत बनाकर वर्षा के जल को रोककर मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।
बांध बनाना :
नदियों के ऊपरी भागों पर बांध बनाकर बाढ़ नियंत्रण द्वारा मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।
अन्य उपाय :
भूमि को पवन दिशा के समकोण पर जोतना चाहिए जिससे पवन द्वारा मिट्टी कटाव कम हो सके। स्थानांतरित कृषि को रोका जाए। वायु की गति को कम करने के वृक्ष लगाकर वायु रोक क्षेत्र बनाना चाहिए। फसलों के हेर फेर तथा भूमि को परती छोड़ देने से मृदा अपरदन कम किया जा सकता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए:
(i) मृदा का सर्वाधिक व्यापक ओर सर्वाधिक उपजाऊ प्रकार कौन-सा है?
(क) जलोढ़ मृदा (ख) काली मृदा (ग) लैटेराइट मृदा (घ) वन मृदा
(ii) रेगर मृदा का दूसरा नाम है-
(क) लवण मृदा (ख) शुष्क मृदा (ग) काली मृदा (घ) लैटेराइट मृदा
(iii) भारत में मृदा के ऊपरी पर्त ह्रास का मुख्य कारण है-
(क) वायु अपरदन (ख) अत्यधिक निक्षालन (ग) जल अपरदन (घ) इनमें से कोई नहीं
(iv) भारत के सिंचित क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि निम्नलिखित में से किस कारण से लवणीय हो रही हैं-
(क) जिप्सम की बढ़ोत्तरी (ख) अति सिंचाई (ग) अति चारण (घ) रासायनिक खादों का उपयोग
https://brainly.in/question/12225456
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) मृदा क्या है?
(ii) मृदा निर्माण के प्रमुख उत्तरदायी कारक कौन-से हैं?
(iii) मृदा परिच्छेदिका के तीन संस्तरों के नामों का उल्लेख कीजिए।
(iv) मृदा अवकर्षण क्या होता हैं?
(v) खादर और बांगर में क्या अंतर है?
https://brainly.in/question/12242078
Answer:
hindi ka chela hai kya tu