निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −
धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना क्यों नहीं की जा सकती?
nimnalikhit prashn kaa uttar (25-30 shabdon men) likhie −
dhool ke binaa kisee shishu kee kalpanaa kyon naheen kee jaa sakatee?
रामविलास शर्मा
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धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि माँ के आंचल के बाद वह धरती में पहला कदम रखता है | धुल में खेलता है , चलना सीखता है हजार बार गिरता है , संभलता है | धूल को पवित्र और प्राकृतिक श्रृंगार का साधन माना जाता है । धूल ही बच्चे के सौंदर्य को निखरती है |
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