Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −
धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना क्यों नहीं की जा सकती?

Answers

Answered by nikitasingh79
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उत्तर :
धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना इसलिए नहीं की जा सकती क्योंकि शिशुओं को धूल में खेलना बहुत अच्छा लगता है। धूल से सना शिशु का मुख‌ उसकी सहजता को और भी अधिक खूबसूरत बना देता है । इसी कारण शिशुओं को ‘धूलि भरे हीरे’ कहा गया है।

**इसमें पाठ ‘धूल’ में लेखक डॉ रामविलास शर्मा ने धूल की महिमा, महत्व, उपयोगिता का वर्णन किया है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answered by manyasharma829
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धूल के बीने शिशु की कल्पना नहीं की जा सकती क्यूंकि चलते , खेलते, उठते - बैठते जब गिरता है तो उसके शरीर पर धूल लगती ही है। इस धूल से शिशु का सोन्दर्ये और भी बढ़  जाता है।

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