Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −
इस पाठ में लेखक ने नगरीय सभ्यता पर क्या व्यंग्य किया है?

Answers

Answered by nikitasingh79
74
उत्तर :
इस पाठ में लेखक ने बताया है कि जो लोग गांव से जुड़े हुए हैं वह यह कल्पना नहीं कर सकते कि धूल के बिना भी कोई शिशु हो सकता है। वे धूल से सने हुए बच्चों को ‘धूलि भरे हीरे ‘ कहते थे। आधुनिक नगरीय सभ्यता बच्चों को धूल में खेलने से मना करती है क्योंकि यदि वे धूल से सने बच्चों को उठाएंगे तो उनके कपड़े गंदे हो जाएंगे। नगर वाले गोधूलि अथवा धुलि के महत्व को जानते ही नहीं है क्योंकि नगरों में तो धूल धक्कड़ होते हैं, गोधूलि नहीं होती ।लेखक नगरी सभ्यता को हीनभावना से युक्त मानता है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

Anonymous: Great answer mam !!! ☺☺☺☺
Answered by akp47901
5

Answer:

इस पाठ में लेखक ने बताया है जो कि लोग गांव से जुड़े हुए कल्पना नहीं कर सकते भूलकर भी ना कोई भी शुरू हो सकता है बच्चों को धी

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