निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −
पोशाक हमारे लिए कब बंधन और अड़चन बन जाती है?
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उत्तर:
पोशाक हमारे लिए तब बंधन और अड़चन बन जाती है जब हम अपने स्तर से नीचे के लोगों की भावनाओं और दुख दर्द को समझना चाहते हैं। उस समय हमें लगता है कि हम समाज के डर से उनके साथ बैठकर उनके दुख दर्द नहीं जान सकते। हमें यह भय होता है कि लोग क्या कहेंगे अगर हम निम्न वर्ग के लोगों से मेलजोल रखेंगे। इस प्रकार पोशाक या वस्त्र दो विभिन्न वर्गों में अड़चन बन कर खड़ी हो जाती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
पोशाक हमारे लिए तब बंधन और अड़चन बन जाती है जब हम अपने स्तर से नीचे के लोगों की भावनाओं और दुख दर्द को समझना चाहते हैं। उस समय हमें लगता है कि हम समाज के डर से उनके साथ बैठकर उनके दुख दर्द नहीं जान सकते। हमें यह भय होता है कि लोग क्या कहेंगे अगर हम निम्न वर्ग के लोगों से मेलजोल रखेंगे। इस प्रकार पोशाक या वस्त्र दो विभिन्न वर्गों में अड़चन बन कर खड़ी हो जाती है।
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