निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए −
महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
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उत्तर :
महादेव जी की भाषा शिष्ट और संस्कार संपन्न थी। इनकी लेखन शैली मनोहारी थी। इन्होंने गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया था जो हर हफ्ते यंग इंडिया में प्रकाशित होता रहा था। बाद में पुस्तक के रूप में इसका प्रकाशन हुआ था। वह ‘यंग इंडिया’ और ‘नव जीवन’ के लिए लेख भी लिखा करते थे। वे प्रतिदिन डायरी भी लिखते थे।
आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।
महादेव जी की भाषा शिष्ट और संस्कार संपन्न थी। इनकी लेखन शैली मनोहारी थी। इन्होंने गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया था जो हर हफ्ते यंग इंडिया में प्रकाशित होता रहा था। बाद में पुस्तक के रूप में इसका प्रकाशन हुआ था। वह ‘यंग इंडिया’ और ‘नव जीवन’ के लिए लेख भी लिखा करते थे। वे प्रतिदिन डायरी भी लिखते थे।
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Answer:
महादेव भाई देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्र में गांधी जी की प्रतिदिन की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। उन्होंने ‘सत्य का प्रयोग’ का अंग्रेज़ी अनुवाद किया जो कि गांधीजी की आत्मकथा थी। वे प्रतिदिन डायरी लिखते थे यह साहित्यक देन डायरी और अनगिनत अभ्यास पुस्तकें आज भी मौजूद हैं। शरद बाबू, टैगोर आदि की कहानियों का भी अनुवाद किया, ‘यंग इंडिया’ में लेख लिखे।
PLEASE MARK AS BRAINLIEST......
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