निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
बाज़ार के लोग खरबूज़े बेचनेवाली स्त्री के बारे में क्या-क्या कह रहे थे? अपने शब्दों में लिखिए।
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उत्तर :
बाजार के लोग खरबूजे बेचने वाली स्त्री को घृणा की दृष्टि से देखकर कह रहे थे कि जवान लड़के को मरे पूरा दिन भी नहीं हुआ और यह बेशर्म दुकान लगाकर बैठी है। दूसरा व्यक्ति उस स्त्री की नियत खोटी बता रहा था, तो तीसरा उसे संबंधों से बढ़कर रोटी को अधिक महत्व देने वाली बता रहा था। पंसारी लाला उसे दूसरों का धर्म ईमान खराब करने वाली कह रहा था, जो सूतक का ध्यान रखें बिना ही खरबूजे बेचने बैठ गई। इस तरह सभी अपने अपने तरीके से उसे दुखी कर रहे थे।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
बाजार के लोग खरबूजे बेचने वाली स्त्री को घृणा की दृष्टि से देखकर कह रहे थे कि जवान लड़के को मरे पूरा दिन भी नहीं हुआ और यह बेशर्म दुकान लगाकर बैठी है। दूसरा व्यक्ति उस स्त्री की नियत खोटी बता रहा था, तो तीसरा उसे संबंधों से बढ़कर रोटी को अधिक महत्व देने वाली बता रहा था। पंसारी लाला उसे दूसरों का धर्म ईमान खराब करने वाली कह रहा था, जो सूतक का ध्यान रखें बिना ही खरबूजे बेचने बैठ गई। इस तरह सभी अपने अपने तरीके से उसे दुखी कर रहे थे।
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उत्तर
बाजार में लोगों ने खरबूजे बेचने वाली स्त्री के प्रति घृणा प्रकट कर रहे थे। वे बेहाया, कमीनी ,और बदनीयात कहने के साथ बरकत न करने वाली कहकर धिक्कारने लगे। उन्होंने उसे रोटी के टुकड़े के लिए बेटी बेटा, खसम लगाई के संबंधों और इमान धर्म तक को भुला देने वाली कहा। सूतक होने पर भी धोखे से खरबूजे बेचकर लोगों का ईमान धर्म बिगाड़ कर अंधेरा करने वाली स्त्री का पर उसे अपेक्षा की।
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