निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?
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उत्तर :
लेखिका के तंबू पर जब बर्फ का पानी गिरा था वह गहरी नींद में सो रही थी ।जब पिंड का एक हिस्सा उसके सिर के पिछले हिस्से से टकराया तो उसकी नींद खुल गई। उस समय रात के १२: ३० बजे का समय था। उसी समय एक जोर का धमाका हुआ और कोई ठंडी व बहुत भारी चीज उसके शरीर को कुचलती चली गई। उसे सांस लेने में भी कठिनाई होने लगी। बर्फ का एक लंबा पिंड उनके कैंप के ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूट कर गिरा था।
वह एक विशाल हिमपुंज बन गया था ।वह एक एक्सप्रेस रेलगाड़ी की तेज गति और भीषण आवाज के साथ सीधी ढलान से उनके कैंप पर गिरा था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
लेखिका के तंबू पर जब बर्फ का पानी गिरा था वह गहरी नींद में सो रही थी ।जब पिंड का एक हिस्सा उसके सिर के पिछले हिस्से से टकराया तो उसकी नींद खुल गई। उस समय रात के १२: ३० बजे का समय था। उसी समय एक जोर का धमाका हुआ और कोई ठंडी व बहुत भारी चीज उसके शरीर को कुचलती चली गई। उसे सांस लेने में भी कठिनाई होने लगी। बर्फ का एक लंबा पिंड उनके कैंप के ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूट कर गिरा था।
वह एक विशाल हिमपुंज बन गया था ।वह एक एक्सप्रेस रेलगाड़ी की तेज गति और भीषण आवाज के साथ सीधी ढलान से उनके कैंप पर गिरा था।
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Answer:
लेखिका ने तंबू पर गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन बड़े ही रोचक ठंग से करते हुए बताया कि जब बह तंबू में सो रही थी एक धमाके की आवाज के साथ वह जागी और कोई भारी सी ठंडी वस्तु उससे टकराती हुई निकल गई। लेखिका की किस्मत अच्छी थी कि उसको कुछ नहीं हुआ मगर तंबू पूरी तरह नष्ट हो गया।
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