निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
'रामन् प्रभाव' की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य संभव हो सके?
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उत्तर :
‘रामन प्रभाव’ की खोज भौतिकी के क्षेत्र में क्रांति के तरह थी। इससे प्रकाश की प्रकृति के बारे में आइंस्टीन ने जो कहा था उसका प्रायोगिक सबूत मिल गया क्योंकि एक वर्णीय प्रकाश के वर्ण या रंग में बदलाव प्रकाश की किरण का तीव्रगामी सूक्ष्म कणों के प्रवाह के रूप में व्यवहार करती है। रामन प्रभाव से पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक रचना के अध्ययन में भी मदद मिलती है। इस तकनीक के द्वारा एक वर्णीय प्रकाश के वर्ण या रंग में बदलाव के आधार पर पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की संरचना की सही जानकारी मिल जाती है। इससे पदार्थों का संशलेषण प्रयोगशाला में करना तथा अनेक उपयोगी चीजों का कृत्रिम रुप से निर्माण संभव हो गया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
‘रामन प्रभाव’ की खोज भौतिकी के क्षेत्र में क्रांति के तरह थी। इससे प्रकाश की प्रकृति के बारे में आइंस्टीन ने जो कहा था उसका प्रायोगिक सबूत मिल गया क्योंकि एक वर्णीय प्रकाश के वर्ण या रंग में बदलाव प्रकाश की किरण का तीव्रगामी सूक्ष्म कणों के प्रवाह के रूप में व्यवहार करती है। रामन प्रभाव से पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक रचना के अध्ययन में भी मदद मिलती है। इस तकनीक के द्वारा एक वर्णीय प्रकाश के वर्ण या रंग में बदलाव के आधार पर पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की संरचना की सही जानकारी मिल जाती है। इससे पदार्थों का संशलेषण प्रयोगशाला में करना तथा अनेक उपयोगी चीजों का कृत्रिम रुप से निर्माण संभव हो गया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य संभव हो सके-
पदार्थों की आणविक और परमाणविक संरचना के अध्ययन के लिए ‘रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी’ का सहारा लिया जाने लगा।
प्रयोगशाला में पदार्थों का संश्लेषण सरल हो गया।
अनेक उपयोगी पदार्थों का कृत्रिम रूप से निर्माण संभव हो गया।
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