निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए −
महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?
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उत्तर :
महादेव जी का लेखन शैली बहुत मनोहारी थी। वह अपने लेखन में श्रेष्ठ और संस्कार संपन्न भाषा का उपयोग करते थे। गांधी जी से मिलने आने वाले लोगों की बातें सुनकर खुद उनसे हुई बातों की संक्षिप्त तथा सटीक टिप्पणी लिखने में में अत्यंत योग्य थे। इनके द्वारा लिखी गई तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक तथा अन्य विषयों की टिप्पणियों के आधार पर गांधीजी ‘बांबे क्रॉनिकल’, ‘यंग इंडिया’ और ‘नवजीवन’ आदि पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखते थे। गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का इन्होंने अंग्रेजी अनुवाद कर अपनी लेखन शैली का प्रत्यक्ष सबूत दिया है।
आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।।
महादेव जी का लेखन शैली बहुत मनोहारी थी। वह अपने लेखन में श्रेष्ठ और संस्कार संपन्न भाषा का उपयोग करते थे। गांधी जी से मिलने आने वाले लोगों की बातें सुनकर खुद उनसे हुई बातों की संक्षिप्त तथा सटीक टिप्पणी लिखने में में अत्यंत योग्य थे। इनके द्वारा लिखी गई तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक तथा अन्य विषयों की टिप्पणियों के आधार पर गांधीजी ‘बांबे क्रॉनिकल’, ‘यंग इंडिया’ और ‘नवजीवन’ आदि पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखते थे। गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का इन्होंने अंग्रेजी अनुवाद कर अपनी लेखन शैली का प्रत्यक्ष सबूत दिया है।
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Answer:
महादेव जी की लिखने शैली अंत्यत मनोहारी थी। वे अपने लेखन में शिष्ट और संस्कार संपन्न भाषा का प्रयोग करते थे। गांधी जी से मिलने आने वाले लोगों का व्यथा कथा सुनकर स्वयं हुए बातो की संक्षिप्त व सहीक टिप्पणियां लिखने में अंतर निपुण थे।
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