Hindi, asked by nsubhadra09876, 6 hours ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों लिखिए 1. तुलसीदास किस प्रकार से ईश्वर की अविचल भक्ति पाने की बात करते हैं? 'विनय के पद' के आधार पर वर्णन करें। निपाट के आधार लिखें।​

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Answered by simrankhoiwal13
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Answer:

तुलसीदास ने ईश्वर की अविचल भक्ति पाने के लिए प्रेम और भक्ति का मार्ग अपनाने की सलाह दी है। तुलसीदास कहते हैं कि यदि ईश्वर को पाना है, तो जो ईश्वर को पाने की राह में जो बाधक हो वह चाहे निकटतम संबंधी ही क्यों ना हो, उसका परित्याग करने से भी संकोच नहीं करना चाहिए। तभी हम ईश्वर रूपी अविचल भक्ति को पा सकते हैं।

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