निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −
लेखक ने संसार में किस प्रकार के सुख को दुर्लभ माना है?
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उत्तर :
लेखक ने संसार में उस सुख को दुर्लभ माना है जो जवानी में अखाड़े की मिट्टी में सनने से मिलता है। अखाड़े की मिट्टी मामूली धूल नहीं होती। यह मिट्टी अखाड़े में अपने गांव आजमाने वाले जवानों के शरीर पर लगे तेल, मट्ठे और उनकी मेहनत से बहे हुए पसीने से सिझाई हुई होती है।
**डॉ रामविलास शर्मा द्वारा रचित ‘धूल’ एक ललित निबंध है। इसमें लेखक ने धूल की महिमा, महत्व, उपयोगिता का वर्णन किया है। इसमें लेखक में प्रसंगानुकूल भावपूर्ण भाषा शैली का प्रयोग किया है। इस पाठ में लेखक ने सहज-स्वाभाविक तथा भावपूर्ण भाषा शैली में धूल के महत्व को रेखांकित किया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
लेखक ने संसार में उस सुख को दुर्लभ माना है जो जवानी में अखाड़े की मिट्टी में सनने से मिलता है। अखाड़े की मिट्टी मामूली धूल नहीं होती। यह मिट्टी अखाड़े में अपने गांव आजमाने वाले जवानों के शरीर पर लगे तेल, मट्ठे और उनकी मेहनत से बहे हुए पसीने से सिझाई हुई होती है।
**डॉ रामविलास शर्मा द्वारा रचित ‘धूल’ एक ललित निबंध है। इसमें लेखक ने धूल की महिमा, महत्व, उपयोगिता का वर्णन किया है। इसमें लेखक में प्रसंगानुकूल भावपूर्ण भाषा शैली का प्रयोग किया है। इस पाठ में लेखक ने सहज-स्वाभाविक तथा भावपूर्ण भाषा शैली में धूल के महत्व को रेखांकित किया है।
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