निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
(i) परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था क्यों कहे जाते हैं?
(ii) पिछले पंद्रह वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृत्ति पर एक लेख लिखें।
Answers
उत्तर :
(i) परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार प्रदान करते हैं।कृषि उद्योग व्यापार आदि अर्थव्यवस्था के सभी पक्षों का विकास परिवर्तन का संचार साधनों पर निर्भर करता है। इस संबंध में निम्नलिखित उदाहरण दिए जा सकते हैं :
कृषि क्षेत्र :
- परिवहन के साधनों द्वारा किसान बीज उर्वरक भारत कृषि यंत्रों को अपने खेतों तक पहुंचाता है।
- वह अपने कृषि उत्पादनों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए भी परिवहन के साधनों का प्रयोग करता है।
- रेडियो, टी.वी आदि संचार के साधनों द्वारा किसानों को नई नई कृषि तकनीकी, उत्तम कोटि के बीजों, कृषि उत्पादों के उचित मूल्यों की जानकारी मिलती रहती है। उसे अपनी फ़सलें बोने के लिए उचित मौसम की भी जानकारी मिलती है।
उद्योग :
- परिवहन के साधन कच्चे माल को कारखानों तक पहुंचाते हैं।
- ये साधन तैयार माल के वितरण में सहायता करते हैं।
- कारखाने स्थापित करने के लिए भारी मशीनरी को परिवहन के साधन ही निर्धारित स्थल पर ले जाते है।
- संचार साधनों से उत्पादन की नई तकनीकों को जानकारी मिलती है । यह साधन बाज़ार की मांग तथा पूर्ति की भी उपयोगी जानकारी जुटाते हैं।
व्यापार :
- व्यापार में वस्तुओं का आदान प्रदान होता है इस कार्य में परिवहन के साधनों का बड़ा योगदान है।
- संचार साधन व्यापारियों को विभिन्न मंडियों में वस्तुओं की मांग तथा मूल्यों की जानकारी देते हैं।
- जन संचार साधनों द्वारा वे विभिन्न उत्पादों को विज्ञापनों की सहायता से लोकप्रिय बनाते हैं । फल स्वरुप इन उत्पादों की बिक्री बढ़ जाती है।
सच तो यह है कि परिवहन व संचार के साधन किसी देश की अर्थव्यवस्था को सजीव बनाए रखते हैं। इसी कारण इन साधनों को किसी देश की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएं कहा जाता है।
(ii)
पिछले पंद्रह वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृत्ति पर लेख :
स्वतंत्रता के पश्चात से भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार का स्वरूप निरंतर बदलता रहा है । पिछले 15 वर्षों में इस में होने वाली है मुख्य परिवर्तनों का वर्णन इस प्रकार है :
भारत का विदेशी व्यापार विश्व के कोने कोने में फैल गया है। हमारे देश का विश्व के सभी प्रमुख देशों द्वारा व्यापार संघों के साथ व्यापारिक संबंध है।
भारत के निर्यात में अत्याधिक वृद्धि हुई है 2016 - 17 तक निर्यात वृद्धि वाली वस्तुएं निम्नलिखित है :
- कृषि से संबंधित उत्पाद ( वृद्धि 8.64%)
- खनिज व अयस्क ( 6.9 %)
- रतन वह जवाहरात (17.02%)
- पेट्रोलियम उत्पाद कोयला सहित ( 12.06%)
भारत में आयात होने वाली वस्तुओं में निम्नलिखित वस्तुओं शामिल है :
- पेट्रोलियम तथा पेट्रोलियम उत्पाद (वृद्धि 22.4%)
- मोती तथा बहुमुल्य रत्न (12.8%)
- मशीनरी (8.9%)
- भारी वस्तुओं के कुल आयात में 28.2% (कुल आयात का) वृद्धि हुई है। इन वस्तुओं उर्वरक, खाद्यान्न, वनस्पति तेल, छपाई मशीनें आदि शामिल है।
- पिछले 15 वर्षों में वस्तुओं के आयात निर्यात की अपेक्षा सूचना प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान अधिक बढ़ा है । भारत विश्व में एक साफ्टवेयर महा शक्ति के रूप में उभर कर आया है। अतः सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है।
- भारत में पर्यटन उद्योग में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 के अपेक्षा 2015 के दौरान देश में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 4.5 % वृद्धि दर्ज की गई है। इससे देश को ₹ 13,5193 करोड़ की विदेशी मुद्रा प्राप्त हो रही है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।