Geography, asked by sankalp4284, 10 months ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में देः
(क) वायव फ़ोटो के महत्त्वपूर्ण उपयोग कौन-कौन से हैं?
(ख) मापनी को निर्धारित करने की विभिन्न विधियाँ कौन-कौन सी हैं?

Answers

Answered by jishnu172004
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Answer:

hum hindi nahi jante kripiya English me likhe...

Answered by bhatiamona
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(क) वायव फ़ोटो के महत्त्वपूर्ण उपयोग कौन-कौन से हैं?  

वायव फ़ोटो का उपयोग स्थलाकृतिक मानचित्रों को खींचने और उनका निर्वचन करने के लिए किया जाता है| इन दो विभिन्न उपयोगों के कारण फोटोग्राममिति तथा फोटो प्रतिबम्ब निर्वचन के रूप में दो स्वंत्रत , लेकिन एक-दूसरे से संबंधित विज्ञानों का विकास हुआ|

फोटोग्राममिति: यह वायवे फोटो के द्वारा विश्वसनीय मापन का विज्ञान और तकनीकी है| फोटोग्राममिति के सिद्धांत  , इस प्रकार के फोटो की परिशुद लंबाई, चौड़ाई  और ऊंचाई की माप प्रदान करते है| इसलिए स्थलाकृतिक मानचित्रों को तैयार करने और उन्हें बनाने में यह अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होते है|

प्रतिबिंब निर्वचन : यह वस्तुओं के स्वरूपों को पहचानने तथा उनके सापेक्षिक महत्व से संबंधित निर्णय लेने की प्रक्रिया है| प्रतिबिंब निर्वचन के सिद्धांत के प्रयोग से वायव फोटो की गुणात्मक जानकारियां ज्ञात की जा सकती है| जैसे भूमि उपयोग, स्थलाकृतियों के प्रकार , मिटटी के प्रकार इत्यादि |इस प्रकार , एक दक्ष इंटरप्रेटर वायव फोटो का उपयोग करके वातावणीय प्रक्रम और कृषि भूमि उपयोगों में परिवर्तन का विश्लेषण करता है|

(ख) मापनी को निर्धारित करने की विभिन्न विधियाँ कौन-कौन सी हैं?

फोटो की मापनी की गणना के लिए तीन विधियाँ प्रयोग में लाई जाती है, जो विभिन्न सूचनाओं पर आधारित होती है:

प्रथम विधि : फोटो और धरातलीय दूरी के बीच संबंध स्थापित करना : यदि वायव फोटो में कोई अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध है , जैसे धरातल और दो | पहचानने योग्य बिन्दुओं की दूरी , तो एक ऊध्र्वाधर फोटो की मापनी सरलतापूर्वक प्राप्त की जा सकती है|

द्वितीय विधि : फोटो दूरी और मानचित्र दूरी में संबंध स्थापित करना : धरातल पर विभिन्न बिन्दुओं के बीच दूरी हमेशा ज्ञात नहीं होती है | किन्तु अगर एक वायव फोटो पर दिखाए गए क्षेत्र का मानचित्र उपलब्ध हो , तो इसका उपयोग फोटो मापनी को ज्ञात करने में किया जा सकता है|

तृतीय विधि : फोकस दूरी और वायुयान की उड़ान ऊंचाई के बीच संबंध स्थापित करना : यदि मानचित्र और फोटोग्राफ की सापेक्ष दूरियों की कोई भी अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध नहीं हो , लेकिन कैमरे की फॉक्स दूरी तथा वायुयान की उड़ान-ऊंचाई के संबंध में जानकारी हो तो फोटो मापनी प्राप्त की जा सकती है|  यदि दिया गया वायव फोटो अथवा आंशिक रो से ऊध्र्वाधर हो तथा चित्रित भू-भाग समतल हो तो प्राप्त फोटो मापनी की शुद्धता अधिक होगी |  अधिकतर फोटो में कैमरे की फोकस दूरी f तथा वायुयान की उड़ान-ऊंचाई H को सीमांत जानकारी के रूप में लिया जाता है|

भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य पाठ से  संबंधित प्रश्न

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भारत में वायव फ़ोटो का संक्षिप्त में वर्णन करें।

https://brainly.in/question/15944832

वायव फ़ोटो किस प्रकार खींचे जाते हैं?

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