निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में लिखिए- क) महावीर प्रसाद द्वेदी ने किन्हें विक्षिप्त और ग्रहग्रस्त कहा है? क्यों? ख) ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक- यह विशेषण फादर की किन विशेषताओं का व्यंजक है? ग) कुलसुम की देशी घी वाली दुकान में बनी कचौड़ी को बिस्मिल्ला खाँ संगीतमय कचौड़ी क्यों कहते थे? घ) मन्नू भंडारी ने डॉ. अंबालाल की प्रशंसा को उनका स्नेह क्यों बताया?
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Answer:
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(क)
महावीर प्रसाद द्विवेदी ने उन लोगों को विक्षिप्त और गृहग्रस्त कहा है, जिन लोगों का अपने जीवन का कोई उद्देश्य और लक्ष्य स्पष्ट नहीं है। जिनका जिंदगी को जीने का नजरिया ठीक नहीं है और जो लोग लक्ष्यविहीन होकर जिंदगी को बस गुजार देते हैं, महावीर प्रसाद द्विवेदी ने ऐसे लोगों को विक्षिप्त और गृहग्रस्त कहा है।
(ख)
लेखक ने फादर बुल्के को मानवीय करुणा की दिव्य चमक इसलिये कहा है क्योंकि फादर बुल्के के मन में सभी लोगों के प्रति असीम ममता और प्रेम का भाव था। फादर बुल्के स्वभाव से बेहद सरल इंसान थे और उनमें प्रेम और करुणा का भंडार समाया हुआ था। वह अपनी किसी भी बात पर झुंझलाते नहीं थे और अपनी कोई भी बात को पूरे जोश-खरोश के साथ सबके सामने रखते थे। वह लोगों के साथ लंबे एवं टिकाऊ संबंध बनाए रखने में यकीन रखते थे।
(ग)
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान कुलसुम की कचौड़ियों को संगीतमय कचौड़ी इसलिए कहा है, क्योंकि जब कुलसुम कलकलाते हुए घी में छपाक से कचौड़ी डालती थी तो उस कचौड़ी डालने से उत्पन्न हुई की आवाज में उस्ताद बिस्मिल्लाह खाान क आरोह अवरोह आदि संगीत के तत्व दिख जाते थे। इसी कारण उस्ताद बिस्मिल्लाह खान कुलसुम की कचौड़ी को संगीतमय कचौड़ी कहते थे।
(घ)
मन्नू भंडारी को देखते ही डॉ. ्अंबालाल ने उनका गर्मजोशी से स्वागत कहकर कहा था, आओ आओ मन्नू मैं तो चौक पर पर तुम्हारा भाषण सुनते ही सीधा भंडारी जी को बधाई देने चले आया। आई एम रियली प्राउड ऑफ यू।
इसीलिए मन्नू भंडारी ने डॉ. अंंबालाल ने बताया क्योंकि डॉक्टर अंबालाल मन्नू भंडारी के पिता के गहरे मित्र थे और हो सकता है, भीड़ के बीच लड़की का बिना संकोच होकर भाषण देना उन्हें मनमोहित कर गया हो