निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
(i) बंजर भूमि तथा कृषि योग्य व्यर्थ भूमि में अंतर स्पष्ट करें।
(ii) निवल बोया गया क्षेत्र तथा सकल बोया गया क्षेत्र में अंतर बताएँ।
(iii) भारत जैसे देश में गहन कृषि नीति अपनाने की आवश्यकता क्यों है?
(iv) शुष्क कृषि तथा आर्द्र कृषि में क्या अंतर हैं?
Answers
(i) बंजर भूमि तथा कृषि योग्य व्यर्थ भूमि में अंतर :
बंजर भूमि :
(1) यह भूमि अनुपजाऊ होती है एवं इसमें कृषि नहीं की जा सकती। इस भूमि को प्रचलित प्रौद्योगिकी की सहायता से उपजाऊ या कृषि योग नहीं बनाया जा सकता।
(2) इस वर्ग में बंजर पहाड़ी भू भाग, मरुस्थल, खड्ड आदि को शामिल किया जाता है।
कृषि योग्य व्यर्थ भूमि :
(1) इस भूमि को प्रचलित प्रौद्योगिकी की सहायता से कृषि को बनाया जा सकता है।
(2) इस वर्ग में ऐसी भूमि सम्मिलित की जाती है , जो पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से परती या कृषि रहित हो।
(ii) निवल बोया गया क्षेत्र तथा सकल बोया गया क्षेत्र में अंतर :
निवल बोया गया क्षेत्र :
ऐसी भूमि जिसमें फसल उगाई तथा काटी जाती है उसने निवल बोया गया क्षेत्र कहते हैं।
सकल बोया गया क्षेत्र :
निबल बोया गया क्षेत्र तथा एक से अधिक बार बोया गया क्षेत्र का योग सकल बोया गया क्षेत्र होता है।
(iii) भारत जैसे देश में गहन कृषि नीति अपनाने की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि भारत जैसे देश में भूमि कम है तथा श्रम की आवश्यकता होने के कारण इस स्थिति में फसल सघनता की आवश्यकता केवल भूमि उपयोग हेतु वांछित है। भारत में इस नीति को बढ़ावा देकर सीमित भूमि से कुल उत्पादन में वृद्धि करने के साथ इससे श्रमिकों की मांग में भी पर्याप्त बढ़ोतरी होती है।
गहन कृषि नीति वह प्रौद्योगिकी है , जिसमें एक कृषि वर्ष में गहन भू - भाग से समस्त फसलों के उत्पादन में वृद्धि की जा सके।
(iv) शुष्क कृषि तथा आर्द्र कृषि में अंतर :
शुष्क कृषि :
() 75 सेंटीमीटर से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में की गई कृषि शुष्क कृषि कहलाती है।
(2) सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण कम पानी की आवश्यकता वाली फसलें बोई जाती है।
(3) महाराष्ट्र गुजरात व राजस्थान में इस प्रकार की कृषि की जाती है।
आर्द्र कृषि :
(1) 150 से 200 सेंटीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में की गई कृषि आर्द्र कृषि कहलाती है।
(2) ऐसी फसलें बोई जाती है, जिनके लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है; जैसे चावल , रबड़, चाय आदि।
(3) असम व केरल में इस प्रकार की कृषि की जाती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए।
(i) निम्न में से कौन-सा भू-उपयोग संवर्ग नहीं है?
(क) परती भूमि (ग) निवल बोया क्षेत्र
(ख) सीमांत भूमि (घ) कृषि योग्य व्यर्थ भूमि
(ii) पिछले 40 वर्षों में वनों का अनुपात बढ़ने का निम्न में से कौन-सा कारण है?
(क) वनीकरण के विस्तृत व सक्षम प्रयास
(ख) सामुदायिक वनों के अधीन क्षेत्र में वृद्धि
(ग) वन बढ़ोतरी हेतु निर्धारित अधिसूचित क्षेत्र में वृद्धि ………………..
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(i) भारत में भूसंसाधनों की विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्याएँ कौन-सी हैं? उनका निदान कैसे किया जाए?
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Answer:
बंजर भूमि: वह भूमि जो प्रचलित प्रौद्योगिकी की मदद से कृषि योग्य नहीं बनाई जा सकती, जैसे- बंजर पहाड़ी भ-भूभाग, मरुस्थल व खड्ड आदि। कृषि योग्य व्यर्थ भूमि: वह भूमि जो पिछले पाँच वर्षो तक या अधिक समय तक परती या कृषि-रहित है। भूमि उद्धार तकनीक द्वारा इसे सुधार कर कृषि योग्य बनाया जा सकता है।
Explanation:
it is right answer