निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
(क) मानचित्र व्यापकीकरण क्या है?
(ख) मानचित्र अभिकल्पना क्यों महत्त्वपूर्ण है?
(ग) लघुमान वाले मानचित्रों के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं?
(घ) बृहत मापनी मानचित्रों के दो प्रमुख प्रकारों को लिखें।
(ङ) मानचित्र रेखाचित्र से किस प्रकार भिन्न है?
Answers
Answer:
ami hindi jani na English e lekho pls English e lekh...........?
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार है:
(क) मानचित्र व्यापकीकरण क्या है?
मानचित्र व्यापकीकरण : मानचित्र एक निश्चित उद्देश्य के साथ मनाया जाता है| जैसे की सामान्य उद्देश्य , अपवाह , वनस्पति , बस्ती , परिवहन के साधन आदि जैसी सामान्य सूचनाओं को दर्शाने के लिए बनाया जाता है| मानचित्र बहुत सारे विशेष उद्देश्य से भी बनाए जाते है जैसे जनसंख्या घनत्व , मिट्टी के प्रकार और उद्योगों की स्थिति से संबंधित जानकारी को दर्शाता है| यह बहुत आवश्यक है की मानचित्र के उद्देश्य को ध्यान रखना चाहिए और क्योंकि मानचित्रों को एक निश्चित उद्देश्य के लिए लघुकृत मापनी तैयार किया जाता है| ऐसा करते समय मानचित्रकार को चुनी गई विषय-वस्तु से संबंधित सूचनाओं और आंकड़ों को एकत्रित करके आवश्यकतानुसार सरल रूप प्रदर्शित करना ही वास्तव में व्यापकीकरण है|
(ख) मानचित्र अभिकल्पना क्यों महत्त्वपूर्ण है?
मानचित्र अभिकल्पना किसी मानचित्र का ऐसा पक्ष है जी उसकी पृष्ठभूमि का समकलित प्रदर्शित करता है| इस के अंतर्गत मानचित्र निर्माण में प्रयुक्त संकेतों का चयन , उनके आकार और प्रकार , लिखने का ढंग , रेखाओं की चौड़ाई का निर्धारण , रंगो का चयन लिखावट का तरीका , रूढ़ चिन्ह आदि को सम्मिलित किया जाता है| अत: मानचित्र अभिकल्पना मानचित्र निर्माण की एक जटिल अभिमुखता है जिस में उन सिद्धांतों को व्यापक जानकारी आवश्यक होती है जो आलेखी संचार द्वारा मानचित्र प्रभावी वह उद्देश्य परक बना सकें|
(ग) लघुमान वाले मानचित्रों के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं?
लघुमान वाले मानचित्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है:
भित्ति मानचित्र : यह मानचित्र बड़े आकर के कागज़ या प्लास्टिक पर बनाया जाता है| इसकी मापनी स्थलाकृति मानचित्र से लघु किंतु एटलस मानचित्र से बृहत होती है| इसका उपयोग कक्षा या व्याख्यानकक्ष के लिए होता है|
एटलस मानचित्र: यह बड़े मानचित्र बड़े आकर वाले क्षेत्रों कप प्रदर्शित करते है तथा भौतिक और सांस्कृतिक विशिष्टताओं सामान्य ढंग से दर्शाते है| एटलस मानचित्र विश्व , महादिपो , देशों या क्षेत्रों की भौगोलिक जानकारियाँ के लिए उपयोग में लाया जाता है| सही तरीके से देखने पर यह मानचित्र हमें स्तिथि , आकृति , अपवाह , जलवायु , वनस्पति , नगरों के वितरण , परिवहन तंत्र , पर्यटन तथा संबंध में सामान्य जानकारी प्रदान करते है|
(घ) बृहत मापनी मानचित्रों के दो प्रमुख प्रकारों को लिखें।
बृहत मापनी मानचित्रों को दो प्रकार में वर्गीकृत किया जाता है:
भूसंपत्ति मानचित्र : इन मानचित्रों को क्षेत्रीय संपत्ति की पंजिका कहा जाता है| यह मानचित्र सरकार द्वारा विशेष रूप से भूमिकर , लगन की वसूली और स्वामित्व का रिकॉड रखने के लिए बनाए जाते है| इस मानचित्रों का मापक बृहत होता है| जैसे गाँवों के भूसंपत्ति मानचित्र 1:4000 की मापनी पर तथा नगरों के मानचित्र 1:2000 और इसके अधिक मापनी पर बनाए जाते है|
स्थलाकृतिक मानचित्र: यह मानचित्र भी सामान्यत: बृहत मापनी बनते है , जो परिशुद् सर्वेक्षण पर आधारित होते है| इस मानचित्रों को श्रृंखला के रूप में में विश्व के लगभग सभी देशों को राष्ट्रिय मानचित्र एजेंसी के द्वारा तैयार किया जाता है| भारत में इनका निर्माण व प्रकाशन सर्वेक्षण विभाग , देहरादून द्वारा किया जाता है| इनका मापक 1:2,50,000 , 1:50,000 तथा 1:25,000 होता है| इन मानचित्रों में उच्चावच , अपवाह , वनस्पति , अधिवास सड़कें आदि भौतिक और सांस्कृतिक तत्वों को दर्शाया जाता है|
(ङ) मानचित्र रेखाचित्र से किस प्रकार भिन्न है?
मानचित्र सम्पूर्ण पृथ्वी या उसके किसी भाग का समतल पृष्ठ पर समानीत मापनी द्वारा वर्णात्मक , प्रतीकात्मक तथा व्यापकीकृत निरुपण करता है , जब की रेखाचित्र बिना मापनी के खिंचा गया है खाका है जिस में विषय-वस्तु को सामान्य जानकारी के लिए प्रदर्शित किया जाता है|
भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य पाठ से संबंधित प्रश्न
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दिए गए चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनें :
(i) रेखाओं एवं आकृतियों के मानचित्र कहे जाने के लिए निम्नलिखित में से क्या अनिवार्य है?
(क) मानचित्र रूढ़ि
(ख) प्रतीक
(ग) उत्तर दिशा
(घ) मानचित्र मापनी