निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।(i) एक पेय फसल का नाम बताएँ तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें। (ii) भारत की एक खाद्य फसल का नाम बताएँ और जहाँ यह पैदा की जाती है उन क्षेत्रों का विवरण दें। (iii) सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाएँ। (iv) दिन-प्रतिदिन कृषि के अंतर्गत भूमि कम हो रही है। क्या आप इसके परिणामों की कल्पना कर सकते हैं?
Answers
उत्तर :
(i)
एक पेय फसल का नाम चाय है ।
उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण निम्न प्रकार से है :
१.चाय का पौधा उष्णकटिबंधीय तथा उपोषण कटिबंधीय जलवायु में खूब पनपता है।
२.चाय के लिए अच्छे जल निकास वाली गहरी उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है। मिट्टी में ह्यूमस तथा जैविक अंश भी होना चाहिए।
३.चाय के पौधों के लिए सारा साल उष्ण तथा पाला रहित जलवायु उत्तम रहती है।
४.सारा साल समान रूप से तेज़ वर्षा होने चाहिए।
५.चाय की कृषि श्रम प्रधान है। इसलिए सस्ते तथा कुशल श्रमिक उपलब्ध होने चाहिए।
(ii) चावल भारत की एक खाद्य फ़सल है ।
उत्पादन क्षेत्र : भारत में चावल उत्तर के मैदान , उत्तर पूर्वी भारत, तटीय प्रदेशों तथा डेल्टाई क्षेत्रों में उगाया जाता है।
नहरी सिंचाई के घने जाल तथा ट्यूबवेल की सघनता से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी चावल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनकी सहायता से पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के कुछ भागों में चावल उगाया जाता है।
(iii) सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची निम्न प्रकार से है :
१.सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग, बीमारी आदि की स्थिति में फ़सल को होने वाली क्षति के लिए फ़सल बीमा।
२.किसानों को कम दर पर ऋण सुविधाएं देने के लिए ग्रामीण बैंकों, सहकारी समितियों तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों की स्थापना।
३.किसान क्रेडिट कार्ड तथा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना।
४. बिजली तथा खाद एवं बीज की खरीदारी पर छूट।
५. टेलीविजन तथा रेडियो पर विशेष कृषि कार्यक्रम तथा मौसम की जानकारी।
६. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा इत्यादि।
७. सरकारी कृषि को बढ़ावा तथा जोतों की चकबंदी।
८. ज़मीदारी प्रथा की समाप्ति।
(iv) दिन-प्रतिदिन कृषि के अंतर्गत भूमि कम हो रही है। इसके कुछ परिणाम निम्नलिखित है :
१.हमारी जनसंख्या निरंतर बढ़ रही है। कृषि भूमि कम होने से हम अपनी बढ़ती हुई जनसंख्या को भोजन नहीं जुटा पाएंगे।
२.भारत के 70% से भी अधिक लोगों को कृषि से रोज़गार मिलता है । कम होती कृषि भूमि से बहुत से लोग बेरोज़गार हो सकते हैं।
३.कृषि हमारी राष्ट्रीय आय का मुख्य स्रोत है। कृषि भूमि में कमी से हमारी राष्ट्रीय आय कम हो सकती है जिसका हमारी अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
४.कृषि पर आधारित उद्योगों को पर्याप्त कच्चा माल नहीं मिल पाएगा। परिणामस्वरुप कृषि पर आधारित उद्योग पिछड़ने लगेंगे।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।