Social Sciences, asked by sainisatish8729, 10 months ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए। (i) निम्नलिखित में अंतर 30 शब्दों से अधिक न दें। (क) लौह और अलौह खनिज (ख) परंपरागत तथा गैर परंपरागत ऊर्जा साधन(ii) खनिज क्या हैं? (iii) आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?(iv) हमें खनिजों के संरक्षण को क्यों आवश्यकता है?

Answers

Answered by nikitasingh79
25

उत्तर :  

(क) लौह और अलौह खनिज में अंतर :  

लौह खनिज :  

१.इन खनिजों में लोहे का अंश पाया जाता है।

२.इनमें लोहा, मैंगनीज़, निकल , कोबाल्ट आदि खनिज शामिल है।

३.यह भारत में धात्विक खनिजों के कुल उत्पादन मूल्य में तीन चौथाई भाग का योगदान देते हैं।

 

अलौह खनिज :  

१.इन खनिजों में लोहे का अंश नहीं पाया जाता।

२.इनमें तांबा ,बॉक्साइट ,शीशा और सोना शामिल है।

३.भारत में इन खनिजों को संचित राशि तथा उत्पादन संतोषजनक नहीं है।

(ख)  

परंपरागत तथा गैर परंपरागत ऊर्जा साधन में अंतर :  

परंपरागत ऊर्जा साधन  :  

ऊर्जा के परंपरागत साधनों में कोयला खनिज तेल प्राकृतिक गैस आदि के नाम लिए जा सकते हैं।

परंपरागत साधनों में कोयले और तेल के भंडार अक्षय नहीं है।

परंपरागत साधनों के प्रयोग में काफी खर्च करना पड़ता है।

गैर परंपरागत ऊर्जा साधन :  

१.ऊर्जा के गैर परंपरागत साधनों में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा , ज्वारीय ऊर्जा, जैव पदार्थों से प्राप्त ऊर्जा, गोबर तथा खेती के कूड़े-कचरे से प्राप्त उर्जा सम्मिलित है।

२. गैर परंपरागत साधन या तो नवीनीकरण योग्य है या अक्षय है।

३.गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन कम खर्चीले है।

 

(ii) खनिज :  

खनिज वे प्राकृतिक योगिक होते हैं जिनकी संरचना तथा संघठन एक समान होता है। ये चट्टानों तथा अयस्कों में पाए जाते हैं। इनकी उत्पत्ति भूगर्भ में होने वाली विभिन्न भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं द्वारा हुई है। हीरा सबसे कठोर खनिज होता है तथा चुना सबसे मुलायम होता है।

 

(iii) आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण निम्न प्रकार से होता है:  

आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में खनिज दरारों, जोड़ो अथवा भ्रंशों में पाए जाते हैं। इनके छोटे जमाव शिराओं के रूप में तथा बड़े जमाव परत के रूप में मिलते हैं। इनका निर्माण प्राय: उस समय होता है जब यह तरल अथवा गैसी अवस्था में होते हैं और इन्हें दरारों के सारे भूपृष्ठ की ओर धकेला जाता है। भूपृष्ठ की ओर जाते हुए ये ठंडे होकर जम जाते हैं। तांबा, जस्ता, जिंक, सीसा आदि धात्विक खनिज इन के उदाहरण है जो आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में शिराओं के रूप में मिलते हैं।

 

(iv) हमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि :  

१.खनिज तथा उनसे बने पदार्थ हमारे उद्योग तथा कृषि का आधार है। यह नवीकरण स्रोत होने के कारण इन के निर्माण में लाखों वर्ष लग जाते हैं। यदि हम इनका शीघ्रता से उपभोग करेंगे, तो उनका भंडार शीघ्र समाप्त हो जाएंगे। इससे हमारा आर्थिक विकास संकट में पड़ जाएगा।

२.खनिजों के उत्खनन की गहराई बढ़ने से उनकी गुणवत्ता में कमी आती है। जिससे उनके उत्खनन की लागत बढ़ जाती है। इन बातों को देखते हुए खनिजों का संरक्षण आवश्यक हो जाता है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

Answered by sunenayadav458
1

Explanation:

fhdhfzodnvhmukyikddf Hf ur us it to it too ur at it too put 4th in TV in g in 8 TV in TX Yb t

Similar questions