Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए।
क) पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना क्या अनपढ़ होने का सबूत है? ‘स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन ‘पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
ख) गिरती आर्थिक दशा ने मन्नू भंडारी के पिता के व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव डाला? ‘ एक कहानी यह भी ‘पाठ के आधार पर बताइए।
ग)सुषिर वाद्यों से क्या अभिप्राय है? शहनाई को ‘सुषिर वाद्यों में शाह’ की उपाधि क्यों दी गई होगी?
घ) आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा? ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक ‘ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
(Class 10 Hindi A Sample Question Paper)

Answers

Answered by nikitasingh79
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क) पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना उनके अनपढ़ होने का सबूत नहीं है ।उस समय आम बोलचाल और पढ़ने लिखने की भाषा प्राकृत थी। जिस प्रकार आज हम  हिंदी, बांग्ला, मराठी आदि भाषाओं का प्रयोग बोलने ,पढ़ने व लिखने के लिए करके स्वयं को पढ़ा लिखा सभ्य सुसंस्कृत बताते हैं उसी प्रकार प्राचीन समय में प्राकृत भाषा का विशेष महत्व था। हमारा प्राचीन साहित्य स्पष्ट प्राकृत भाषा में है और उसी साहित्य से हमें तत्कालीन समाज का वर्णन मिलता है। इसलिए हम प्राकृत भाषा में बोलने वाली स्त्रियों को अनपढ़ नहीं कह सकते।

ख) इंदौर में  मन्नू भंडारी के पिताजी को एक बहुत बड़ा आरती झटका लगा जिसके कारण वे इंदौर से अजमेर आ गए। वहां उन्होंने अपनी हिम्मत और हौसले से अंग्रेजी -हिंदी शब्दकोश तैयार किया ।यह अपनी तरह का पहला शब्दकोश था। इस शब्दकोश ने पिताजी को यश तो बहुत दिया परंतु धन नहीं दिया। इससे उनकी आर्थिक स्थिति और खराब होती गई। खराब होती आर्थिक स्थिति में उनके व्यक्तित्व के सकारात्मक पहलुओं को निचोड़ना शुरू कर दिया। नवाबी आदतें, अधूरी महत्वकांक्षाएं और सदा से समाज में ऊंचा रहने  के बाद आर्थिक तंगी ने उन्हें हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया था, जिसके कारण उनमें अहं और क्रोध बहुत बढ़ गया था।

ग) बांस अथवा मुंह से फूंककर बजाए जाने वाले वाद्य में से निकलने वाली ध्वनि को सुषिर कहते हैं।इस आधार पर सुषिर वाद्यों से तात्पर्य उन वाद्ययंत्रों से है जो फूंक कर बजाए जाने पर ध्वनि उत्पन्न करते हैं। अरब देश में फूंककर बजाए जाने वाले वाद्य जिसमें नाड़ी अथवा सरकट या रीड  होती है; को ’नय’ कहते हैं। वे शहनाई को 'शाहेनय’ अर्थात सुषिर वाद्यों में शाह कहते हैं। इस कारण शहनाई को सुषिर वाद्यों में शाह की उपाधि दी गई होगी।

घ) फादर बुल्के का जन्म बेल्जियम के रेम्सचैपल नामक शहर में हुआ था। जब वे इंजीनियरिंग के अंतिम वर्षों में थे तब उनके मन में सन्यासी बनने की इच्छा जागृत हुई। उन्होंने सन्यासी बनकर भारत आने का मन बनाया। उनके मन में यह बात इसलिए उठी होगी क्योंकि भारत  को साधु-संतों का देश कहा जाता है। भारत आध्यात्मिकता का केंद्र है ।उन्हें लगा होगा कि भारत में ही उन्हें सच्चे अर्थों में आत्मा का ज्ञान प्राप्त हो सकता है।

Answered by poojagurjar5761
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Answer:thank you for the point

yes this answer is right

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