निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(a) “वह तमीज़ तो बस आप लोगों को है मैंने कहा तुम तो लड़ती हो। मैं तो सिर्फ यह कहना चाहती
कि नौकर से काम लेने का भी ढंग होता है।
(क) वक्ता और श्रोता कौन हैं 2 कथन का आशय संदर्भ-सहित स्पष्ट कीजिए?
(ख) वक्ता का परिचय दीजिए।
Answers
(a) “वह तमीज़ तो बस आप लोगों को है। मैंने कहा तुम तो लड़ती हो। मैं तो सिर्फ यह कहना चाहती कि नौकर से काम लेने का भी ढंग होता है।
(क) वक्ता और श्रोता कौन हैं? कथन का आशय संदर्भ-सहित स्पष्ट कीजिए?
► इस कथन में वक्ता बेला और इंदु दोनों तथा श्रोता भी बेला और इंदु हैं। यह कथन ‘उपेंद्र नाथ अश्क’ द्वारा लिखित “सूखी डाली” एकांकी से लिया गया है। बेला और इंदु दोनों इस एकांकी नाटक की प्रमुख पात्र हैं। बेला घर की छोटी बहू है, इंदु उसकी ननद है।
जब घर की एक नौकरानी मिसराइन को बेला यह कह कर निकाल देती है कि उसे काम करना नहीं आता तब इंदु उसे समझाती है कि नौकरो से काम लेने की तमीज होती है। तब बेला इंदु से पलट कर कहती है, वह तमीज तो बस आप लोगों को है।
इस तरह बेला और इंदु दोनों में संवाद होता है।
(ख) वक्ता का परिचय दीजिए।
►इस कथन की वक्ता बेला है, जो एक अमीर उच्च घराने की कन्या है और दादा मूलराज के परिवार में उनके पोते नरेश से ब्याह कर आई है। बेला को अपने उच्च घराने और स्वयं के शिक्षित होने पर गर्व है और वह अपनी ससुराल में स्वयं को परिवार के हिसाब से ढाल नहीं पाई है और हर बात की तुलना अपने मायके से करने लगती है।
कथन की दूसरी वक्ता इंदु है, जो दादा मूलराज की पोती है। वह बेला की भाभी भी है। वह अपने परिवार में सबसे अधिक पढ़ी-लिखी है। बेला भी उसके समान ही शिक्षित है, इस कारण बेला के ब्याहकर घर में आ जाने में पर दोनों ननद-भाभी में अपने अहं को लेकर नोंक-झोंक होती रहती है। अंत में दोनों ननद भाभी में मित्रता हो जाती है।
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Answer:
a) “वह तमीज़ तो बस आप लोगों को है। मैंने कहा तुम तो लड़ती हो। मैं तो सिर्फ यह कहना चाहती कि नौकर से काम लेने का भी ढंग होता है।
(क)
► इस कथन में वक्ता बेला और इंदु दोनों तथा श्रोता भी बेला और इंदु हैं। यह कथन ‘उपेंद्र नाथ अश्क’ द्वारा लिखित “सूखी डाली” एकांकी से लिया गया है। बेला और इंदु दोनों इस एकांकी नाटक की प्रमुख पात्र हैं। बेला घर की छोटी बहू है, इंदु उसकी ननद है।
(ख)
►इस कथन की वक्ता बेला है, जो एक अमीर उच्च घराने की कन्या है और दादा मूलराज के परिवार में उनके पोते नरेश से ब्याह कर आई है। बेला को अपने उच्च घराने और स्वयं के शिक्षित होने पर गर्व है और वह अपनी ससुराल में स्वयं को परिवार के हिसाब से ढाल नहीं पाई है और हर बात की तुलना अपने मायके से करने लगती है।