निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए − आपकी दृष्टि में 'मधुर मधुर मेरे दीपक जल' कविता का सौंदर्य इनमें से किस पर निर्भर है − (क) शब्दों की आवृति पर। (ख) सफल बिंब अंकन पर।
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इस कविता की सुंदरता दोनों पर निर्भर है। पुनरुक्ति रुप में शब्द का प्रयोग है − मधुर-मधुर, युग-युग, सिहर-सिहर, विहँस-विहँसआदि कविता को लयबद्ध बनाते हुए प्रभावी बनाने में सक्षम हैं। दूसरी ओर बिंब योजना भी सफल है। विश्व-शलभ सिर धुन कहता, मृदुल मोम सा घुल रे मृदु तन जैसे बिंब हैं। इस कविता का सौंदर्य दोनों बातों में है। कवयित्री ने कई शब्दों को बार-बार दोहराकर कविता की लयबद्धता को बनाए रखा है। इसके साथ ही कई गूढ़ विषयों को अनेक तरह के प्रतीकों और बिंबों के माध्यम से चित्रित किया है। यही एक सफल छायावाद कविता की पहचान होती है।
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