निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
(i) पृथ्वी पर संसाधन असमान रूप से क्यों वितरित हैं? (ii) संसाधन संरक्षण क्या है? (iii) मानव संसाधन महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?
(iv) सततपोषणीय विकास क्या है?
Answers
Answer:
Explanation:
(i) पृथ्वी पर संसाधन असमान रूप से इसलिए वितरित हैं क्योंकि पृथ्वी पर प्रकृति संसाधनों का वितरण कुछ भौतिक कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि धरातल ,जलवायु तथा ऊंचाई। पृथ्वी पर इन कारकों में काफी भिन्नता पाई जाती है ।
(ii) संसाधन संरक्षण :
संसाधनों का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करना और उन्हें दोबारा बनने के लिए समय देना । इसमें संसाधनों का दोबारा इस्तेमाल अथवा पुन: र्चक्रण भी शामिल है।
(iii) मानव संसाधन महत्त्वपूर्ण इसलिए हैं क्योंकि अन्य सभी संसाधनों का विकास शिक्षित, कुशल एवं प्रशिक्षित मानव करते हैं। इसमें मानव के विचार, ज्ञान , अविष्कार तथा खोजें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(iv) सततपोषणीय विकास का अर्थ यह है कि संसाधनों का उपयोग इस प्रकार किया जाए जिससे वर्तमान पीढ़ी के साथ साथ आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा सके।
Answer:
(i) संसाधनों का वितरण भूभाग, जलवायु और ऊंचाई जैसे कई भौतिक कारकों पर निर्भर करता है। ये कारक पृथ्वी पर बहुत भिन्न हैं, इसलिए संसाधनों का वितरण असमान है।
(ii) संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना और उन्हें नवीनीकृत करने के लिए समय देना संसाधन संरक्षण कहलाता है।
(iii) लोग अधिक संसाधन बनाने के लिए प्रकृति का सबसे अच्छा उपयोग कर सकते हैं जब उनके पास ऐसा करने के लिए ज्ञान, कौशल और तकनीक हो। इसलिए मनुष्य एक विशेष संसाधन है। यह मनुष्य की क्षमताएं हैं जो एक भौतिक सामग्री को एक मूल्यवान संसाधन में स्थानांतरित करने में मदद करती हैं। इसलिए मानव संसाधन महत्वपूर्ण हैं।
(iv) संसाधनों के उपयोग और भविष्य के लिए उनका संरक्षण करने की आवश्यकता को संतुलित करना सतत विकास कहलाता है। दूसरे शब्दों में, सतत विकास का अर्थ संसाधनों का इस प्रकार उपयोग करना है कि न केवल वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके बल्कि आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जा सके।