Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
१. ‘जगतु तपोवन सौ किए ‘दोहे के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते हैं?
२. सुमित्रानंदन पंत जी कल्पना के ‘सुकुमार कवि ‘है -स्पष्ट कीजिए।
३. कवि सहायक न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?
(Class 10 HINDI B Sample Question Paper)

Answers

Answered by nikitasingh79
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१.प्रस्तुत दोहा प्रसिद्ध रीतिकालीन कवि बिहारी द्वारा रचित है ।‌यह दोहा बिहारी की प्रसिद्ध रचना ‘सतसई’ से लिया गया है । इसमें इन्होंने ग्रीष्म ऋतु की भयंकर गर्मी का वर्णन किया है।

इस दोहे के अनुसार ग्रीष्म ऋतु की गर्मी ने जंगल को तपोवन जैसा पवित्र बना दिया है। हिंसा की जगह सभी में आपसी प्रेम, सौहार्द और मित्रता का भाव उत्पन्न हो गया है ।शेर , हिरण , मोर , सांप आदि जीव शत्रुता भूलकर एक साथ गर्मी को सहन कर रहे हैं।

२.सुमित्रानंदन पंत प्रकृति के सुकुमार कवि हैं। उन्होंने ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में वर्षा ऋतु के समय पर्वतीय प्रदेश के प्राकृतिक परिवेश में होने वाले परिवर्तनों का सुंदर उल्लेख किया है। कवि ने बताया है कि किस प्रकार प्रकृति बादलों और धूप की आंख मिचौली के कारण प्रतिफल अपने रूप को बदलती हैं उसके रूप में हर पल एक नया निखार आता है।

३.कवि कहता है कि दुख की घड़ी में यदि कोई सहायक नहीं मिलता, तो भी उसे इसका कोई गम नहीं है। वह ईश्वर से केवल इतनी प्रार्थना करता है कि ऐसे समय में भी वह अपना आत्मविश्वास और पराक्रम न खोए। वह चाहता है कि ईश्वर उसे इतनी शक्ति दे कि दुख में भी उसका मन हार न माने। वह उन दुखों से लड़ने की शक्ति पाने के प्रार्थना करता है।

Answered by simranraj2003abrs
9

1) kavi is dohe ke madhyam se kehna chahte hai ki his prakar jeev jantu apni apsi satruta chod ke milljul ke rehte hai game bhi usi prakar rahna chahiye.

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