Hindi, asked by manikmitmm1668, 11 months ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- क) बड़े भाईसाहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं? ख) बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा है? ‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले’ पाठ के आधार पर लिखिए। ग) ‘गिन्नी का सोना’ पाठ में शुद्ध आदर्श की तुलना शुद्ध सोने से क्यों की गई है?

Answers

Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार है :  

क) बड़े भाईसाहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?

बड़े भाई की उम्र छोटे भाई काफी बड़े थे ।  वह अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखते थे। उन्हें भी खेलने पतंग उड़ाने और तमाशे देखने का शौक था। लेकिन अपने छोटे भाई का ध्यान रखना और उनकी जिम्मेदारियां को ध्यान देते हुए वह अपनी इच्छाओं को दबा लेते थे|  ताकि उनका छोटा भाई ठीक तरीके से पढ़ाई लिखाई कर सफल हो सके|

ख) बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा है? ‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले’ पाठ के आधार पर लिखिए|

पर्यावरण असंतुलित होने का सबसे बड़ा कारण आबादी का बढ़ना है। बढ़ती हुई आबादी ने अपने लाभ के लिए पेड़ो और वनों को नष्ट कर दिया है | बड़े घरों के बनाने से के लिए वन, जंगल यहां तक कि समुद्रों को भी छोटा किया जा रहा है। पशु-पक्षियों के लिए स्थान नहीं है। इन सब वजहों से प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। समय-समय पर प्राकृति आपदाएं आ रही हैं। कहीं भूकंप, कहीं बाढ़ तो कहीं तेज बारिश के कारण कई बीमारियां हो रही हैं। इस तरह पर्यावरण के असंतुलन का जन-जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।

ग) ‘गिन्नी का सोना’ पाठ में शुद्ध आदर्श की तुलना शुद्ध सोने से क्यों की गई है?

‘गिन्नी का सोना’ पाठ में शुद्ध आदर्श की तुलना शुद्ध सोने से इसलिए की गई क्योंकि

शुद्ध सोने में किसी तरह की मिलावट नहीं की जा सकती। तांबा मिलाने से सोना मजबूत बन जाता है लेकिन इससे सोने की शुद्धता खत्म हो जाती है। इसी प्रकार व्यावहारिकता में शुद्ध आदर्श समाप्त हो जाते हैं। लेकिन अगर आदर्शों में सही मात्रा में व्यावहारिकता और प्यार को मिलाया जाए तो वह सोने में तांबे के समान कार्य करता है| सोने में तांबे के मिलने से सोने की मजबूती और सुन्दरता बढ़ती है उसी प्रकार आदर्शों में व्यावहारिकता मिलने से हमारा जीवन बेहतर हो जाता है|

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