निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
क) झरना कैसे आगे बढ़ता है?
ख) बहार कैसे और कब आती है?
ग) जग निहाल कब हो जाएगा?
घ) इस कविता से आपको क्या शिक्षा मिलती है? बताइए।
Answers
क) झरना पर्वत के बीचो बीच से गुजरती जाती है मानो पर्वत के छाती से गिरती है और निरंतर आगे बढ़ते चली जाती है उसकी धारा इतनी होती है कि क्षण भर में मानो उसकी राह में जितने भी पेड़ पौधे झाड़ी आते हैं सबको तोड़ती हुई आगे निकल जाती है तथा अपने धारा से इतनी शोर करते हुए गिरती है कि मानो वह कोई गीत गा रही हो जहां भी जाती है सभी को जीवनदान देती है और वहां मानो खुशियां ही ला देती है ।सिर्फ चलना ही होता है उसका काम कभी नहीं थकती है आराम नहीं करती है और बस निरंतर रात हो या दिन चलती ही जाती है।
ख) जब वह पर्वत की छाती के बीचो बीच से गिरती है और जिस राह से गुजरती है उस राह में राही को या पंछी को मानो एक जीवनदान देती चली जाती है और वहां पर ढेर सारी खुशियां देती है मानो बहार आ जाता है।
ग) जब हम भी बिना किसी राह में रुके नियंत्रण अपनी लक्ष्य और बढ़ते चले जाएंगे तब मानो हमारी वजह से जब निराला हो जाएगा।
घ)इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जिस प्रकार झरना जो होता है वह बिना किसी रूकावट के निरंतर अपने गति पर चलता ही चला जाता है और कभी भी अपने राह में रुकता नहीं है उसी प्रकार हम मनुष्यों को भी अपनी राह में कभी भी रुकना नहीं चाहिए चाहे कितनी भी बड़ी कठिनाइयां क्यों ना आ जाए हमें निरंतर अपने लक्ष्य पर ध्यान देकर अपने लक्ष्य को पाने के लिए ,अपने मंजिल को पाने के लिए नियंत्रण कोशिश करके आगे बढ़ते चले जाना चाहिए। तथा हम जहां कहीं भी जाएं लोगों में खुशियां ही फैलाते जाएं बिखेरते जाएं और जिस प्रकार झरना की धारा लोगों को एक जीवनदान देती है उसी प्रकार हम भी लोगों की सहायता कर सकें।