निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −
सच्चे मन में राम बसते हैं−दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।
nimnalikhit prashn kaa uttar deejie −
sachche man men raam basate hain−dohe ke sndarbhaanusaar spaṣṭ keejie.
दोहे
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उत्तर: इस दोहे में कहा गया है कि झूठमूठ के आडंबर से कोई फायदा नहीं होता है। लेकिन यदि सच्चे मन से पूजा की जाए तो फिर भगवान अवश्य मिल जाते हैं।
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प्रशन :- सच्चे मन में राम बसते हैं−दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- इस दोहे की पंक्ति में बिहारी जी कहते है कि केवल माला जपने से या माथे पर टीका लगा लेने से कोई भी व्यक्ति ईश्वर को नहीं पा सकता | में कहा गया है कि झूठमूठ के आडंबर से कोई फायदा नहीं होता है। लेकिन यदि सच्चे मन से पूजा की जाए तो फिर भगवान अवश्य मिल जाते हैं। जिस इंसान के मन में द्वेष ,ईर्षा , छल-कपट और वासना का वास होता है वह व्यक्ति कभी भी ईश्वर को नहीं पा सकता |
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