Social Sciences, asked by bebysinghbth123, 7 months ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें :-
(क) वेदव्यास जी कौन थे, उन्होंने किन ग्रंथों की रचना की है?​

Answers

Answered by shabuddinking07
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Answer:

महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता थे। महाभारत ग्रंथ का लेखन भगवान् गणेश ने महर्षि वेदव्यास से सुन सुनकर किया था।[1] वेदव्यास महाभारत के रचयिता ही नहीं, बल्कि उन घटनाओं के साक्षी भी रहे हैं, जो क्रमानुसार घटित हुई हैं। अपने आश्रम से हस्तिनापुर की समस्त गतिविधियों की सूचना उन तक तो पहुंचती थी। वे उन घटनाओं पर अपना परामर्श भी देते थे। जब-जब अंतर्द्वंद्व और संकट की स्थिति आती थी, माता सत्यवती उनसे विचार-विमर्श के लिए कभी आश्रम पहुंचती, तो कभी हस्तिनापुर के राजभवन में आमंत्रित करती थी। प्रत्येक द्वापर युग में विष्णु व्यास के रूप में अवतरित होकर वेदों के विभाग प्रस्तुत करते हैं। पहले द्वापर में स्वयं ब्रह्मा वेदव्यास हुए, दूसरे में प्रजापति, तीसरे द्वापर में शुक्राचार्य, चौथे में बृहस्पति वेदव्यास हुए। इसी प्रकार सूर्य, मृत्यु, इन्द्र, धनजंय, कृष्ण द्वैपायन अश्वत्थामा आदि अट्ठाईस वेदव्यास हुए। इस प्रकार अट्ठाईस बार वेदों का विभाजन किया गया। उन्होने ही अट्ठारह पुराणों की भी रचना की, ऐसा माना जाता है।पाराशर एवं व्यास दोनों अलग गोत्र हैं इसलिए इंटरनेट पर कहीं भी दोनों गोत्रों को समान मानना गलत है।वह पराशर मुनि के पुत्र थे|व्यास एवं पाराशर गोत्र में विवाह निषेध है। हाँ भावी वर का स्वयं का गोत्र इन दोनों गोत्रों से भिन्न होना चाहिये|

Explanation:

ऋषि वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता थे। उन्होने ही अट्ठारह पुराणों की भी रचना की। प्राचीन काल में सुधन्वा नाम के एक राजा थे।

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