History, asked by vk406911, 1 month ago

निम्नलिखित प्रश्न, प्रश्न संख्या 5 के स्थान पर केवल दृष्टिबाधित विद्यार्थिय
एकदलीय व्यवस्था से आप क्या समझते हैं?
प्र.6 सत्य व असत्य बताइए।
कांडला भारत का सबसे बड़ा पत्तन है।
प्र.7 रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
सरकार द्वारा व्यापार अवरोधों को हटाने की प्रक्रिया को
कहते हैं

jaldi se bataoooo​

Answers

Answered by shivamsharma1256
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Answer:

एक-दलीय व्यवस्था का आधार यह है कि किसी देश की जनता की संप्रभु इच्छा का निवास एक नेता तथा उससे सम्बद्ध अभिजन अथवा कुलीन (मसपजम) वर्ग में होता है। यह अधिनायकवादी विचार सबसे पहले कुछ राजतन्त्रों में और फिर तानाशाही देशों में व्यक्त किया गया। परन्तु, हाल में कुछ लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ भी इस ओर आकर्षित हुई हैं। तानाशाह को सत्ता पर एकाधिकार चाहिए, ताकि कोई उसे चुनौती न दे सके, इसलिए वह (अपने दल के अतिरिक्त) सभी दलों को भंग कर देता है। यद्यपि इन व्यवस्थाओं में भी जनादेश के मुखौटे के रूप में चुनाव करवाए जाते हैं, परन्तु मतदाताओं के समक्ष कोई विकल्प नहीं होता। उन्हें एकमात्र उम्मीदवार के पक्ष में ही मतदान करना पड़ता है।

विभिन्न एक-दलीय व्यवस्थाओं की कुछ अपनी विशेषताएँ हो सकती हैं, परन्तु उन सभी की कुछ सामान्य विशेषताएँ होती हैं। ये हैंरू (1) ऐसा दल, सरकारी दल होता है, क्योंकि इसका नेता वही व्यक्ति होता है जिसका देश पर तानाशाही शासन होता है, तथा जिसका सत्ता पर एकाधिकार होता हैय (2) इस एकमात्र दल का सदस्य बने बिना कोई भी नागरिक किसी महत्वपूर्ण सरकारी पद पर नियुक्त नहीं हो सकता हैय (3) यह दल लोगों में नेता की विचारधारा की मान्यता सुनिश्चित करता है, और इस कार्य के लिए जनता को “शिक्षित‘‘ (पदकवबजतपदंजम) किया जाता हैय तथा (4) यह विशिष्ट वर्गीय (अभिजन) व्यक्तित्व का प्रतीक होता है। एक-दलीय व्यवस्था में पार्टी का कार्य प्रमुख राजनीतिक प्रश्नों पर मतदाताओं (जनता) की इच्छा को जानना नहीं होता। परन्तु, इसका कार्य लोगों में अनुशासन और आज्ञाकारिता सुनिश्चित करना होता है। इसका संगठन और कार्यविधि राजनीतिक न होकर सैनिक ही अधिक होती है।

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